लोगकुआं मठ (बीजिंग)
बीजि़ंग का लोंगकुआं मठ सुंदर पश्चिम पवर्त की अमरपक्षी (Phoenix) पवर्तश्रेणी पर है जहाँ फैले हुए पवर्त से बेजि़ंग शहर देख सकते हैं। मठ लीआउ राजवंश के प्रारंभिक यिं गली साल में सन् ९५७ बनाया गया।
इतिहास में अमरपक्षी पवर्तश्रे के और नाम झूबी पवर्त रहस्यमय पवर्त प्रभु पवर्त थे। पवर्त पर तपस्या के लिए बहुत गुफाएँ हैं जैसे साँफो गुफा है क्षुआनयुआं गुफा है और क्षीयनरें गुफ़ा है कु छ गुफाएँ में दीवार पर काटी हुई बौद्ध भूतिर् यां आज तक भी यथावत् सुरक्षित कर रखी जाती हैं। लोंगकुआं मठ के पास में बहुत प्राचीन खंडहर मठ हैं जैसे दाज़ुए मठ शाँगफ़ंग मठ हुआं गपु आँगन मिओफ़ीड विहार गेयी विहार और चाओयंग गुफा हैं। लोंगकु आं मठ के मुख्य द्वार पर दो मज़बूत और ऊँचे सरू हैं जिस की इतिहास ६०० साल से अधिक है। मुख्य द्वार से मठ अंतर करके गोल्डन ड्रेगन पुल देख सकते हैं जो आज तक बेजि़ंग में यथावत् सुरक्षित कर रखने में सब से अच्छा है। कहते हैं कि यह पुल मठ के पहले मठाध्यक्ष जि़शेंग उपाध्याय जी के द्वारा तीन साल की भिक्षा से बनाया गया। सौ साल में इस प्राचीन पत्थर पुल से असंख्य श्रद्धालु अपने दिल के परिवार तक पहुँच किए हैं। मठ में दो प्राचीन जिंगको हैं जिस ने सौ साल की इतिहास साक्षी किया है।
लीआउ और जिन राजवंशों के युद्ध के बाद लोंगकुआं मठ यूआन राजवंश में पुनरुद्धार किया गया लेकिन मिं ग राजवंश के अंतिम समय में भी ह्रास था। किंग राजवंश के अंत कीयनलोंग सालों में चांगपिंग स्थानीय सरकार ने मठ के पूवर् पर कु छ पुनरुद्धार किया जिस से गोल्डन ड्रेगन पुल को कें द्रीय रेखा होकर संपूणर् मठ ने पुनरुद्धार किया गया पूर्व के सामने होने से दक्षिण के सामने को बदला गया। चीनी गणराज्य समय में लोंगकु आं मठ का मंदिर मेला फला फूला। ग्वांडॉंग प्रांत के एक भक्त ने दान देकर पुल के दक्षिण के पूर्व अहाते पर एक चाय बूथ बनाया जिस से लोगों के लिए मुफ़्त में चाय और माँड़ मिल सके और लोगों से अच्छा संबंध कर सके। जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध समय में देश घरेलू अस्तव्यस्तता और विदेशी आक्रमणकारी में था लोंगकुआं मठ भी अस्तव्यस्तता में था। मुक्ति तक मठ में केवल लगभग दस कमरे थे जिन ने सांस्कृ तिक क्रांति में निवास स्थान और दूसरे उद्देश्य के लिए बदला गया।
नये युग में सौ साल की इतिहास के बाद लोंगकुआं मठ ने नये विकास का सुअवसर मिला। गुरूवार ११ सन् २००५ लोंगकुआं मठ दूसरी बार धामिर् क स्थान बना बौद्ध उपाध्याय क्षुएचेंग जी जो चीनी बौद्ध धर्म संघ के उप अध्यक्ष और महासचिव थे, मठ के मठाध्यक्ष बने। लोंगकुआं मठ चीनी लोग गणराज्य की स्थापना के बाद बेजि़ंग शहर के हैडीयन क्षेत्र में पहला मठ है जिस के पास बौद्ध धर्म और संघ का त्रिजवाहर है।