वचथी आपराधिक मामला 20 जून 1992 में धर्मपुरी जिला, तमिलनाडु के वचथी गाँव में हुआ। एक आधिकारिक दल जिसमें 155 वनकर्मी, 108 पुलिसकर्मी और छह राजस्व अधिकारी शामिल थे चंदन की तस्करी[1] और वीरप्पन के बारे में पता करने के लिए आदिवासी-बहुल वचथी गाँव में दाखिल हुए थे।[2] खोज के बहाने इस दल ने ग्रामीणों की संपत्ति की तोड़फोड़ की, उनके घरों को नष्ट कर दिया, मवेशियों को मार डाला और 100 के आसपास ग्रामीणों पर हमला किया और 18 महिलाओं के साथ बलात्कार किया।[3]


अदालत के आदेश के बाद सी बी आई ने इस मामले की जाँच की थी। मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जाँचपड़ताल से भी गुज़रा।[4] 29 सितंबर 2011 को भारत की एक विशेष अदालत ने आदिवासियों पर अत्याचार की सभी 269 आरोपी अधिकारियों को सजा सुनाई और बलात्कार के लिए 17 आरोपियों को सज़ा सुनाई। आरोपियों में से 54 लोगों की उस समय तक मृत्यु हो गई थी; शेष 215 आरोपियों को जेल की सजा सुनाई गई थी।[5]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Dorairaj, S. (2011-10-22). "Justice for Vachathi". Chennai: फ्रंटलाइन. अभिगमन तिथि 2011-10-18.[मृत कड़ियाँ]
  2. "TN: 19 yrs on, 215 guilty of atrocities on tribals". Hindustan times. Chennai, India. 29 सितंबर 2011. मूल से 1 जनवरी 2012 को पुरालेखित.
  3. "India abuse: Scores guilty of Dalit rape and torture". मूल से 22 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 जुलाई 2014.
  4. "1992 Vachati mass rape case: 215 forest personnel held guilty, nine for rape". Times of India. Dharmapuri, India. 29 सितंबर 2011. मूल से 29 जून 2013 को पुरालेखित.
  5. "215 sentenced to jail in Vachathi case". मूल से 1 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 जुलाई 2014.