वनवास का शाब्दिक अर्थ 'वन में रहना' है। कुछ लोग स्वेच्छा से वनवास करते हैं जबकि कुछ स्थितियों में यह एक बाध्यकारी आदेश (या दण्ड) होता था। रामायण में राम को चौदह वर्ष का वनवास मिला था जबकि महाभारत में वर्णित है कि पाण्डवों को १२ वर्ष का वनवास तथा १ वर्ष का अज्ञातवास मिला था।

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