वयोवाद[1] [2] [3] वयः के आधार पर व्यक्तियों या समूहों के विरुद्ध भेदभाव है। यह शब्द 1969 में रॉबर्ट नील बटलर द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध भेदभाव का वर्णन करने हेतु गढ़ा गया था, और लिंगवाद और नस्लवाद पर आधारित था। [4] बटलर ने "वयोवाद" को तीन तत्त्वों के संयोजन के रूप में परिभाषित किया। मूलतः इसकी पहचान मुख्यतः वृद्ध लोगों, वार्धक्य और वयोवर्धन के प्रति की गई थी; वृद्ध लोगों के प्रति भेदभावपूर्ण व्यवहार; और संस्थागत प्रथाएँ और नीतियाँ जो वृद्ध लोगों के बारे में रूढ़धारणा को कायम रखती हैं। [5] [6]

इसका प्रयोग विशेषतः किशोरों और बच्चों के प्रति पूर्वाग्रह और भेदभाव के सम्बन्ध में किया गया है, जैसे कि उन्हें कुछ अधिकारों और विशेषाधिकारों से वंचन जो सामान्यतः वयस्कों हेतु आरक्षित होते हैं जैसे मताधिकार, राजनीतिक पद हेतु प्रार्थीता, चिकित्सा उपचार, और संविदा पर हस्ताक्षर से वंचन इत्यादि। इसमें उनके विचारों और योगदानों को उपेक्षा भी शामिल हो सकता है क्योंकि उन्हें "अतितरुण" माना जाता है, या यह मान लेना कि उनकी कम वयः के कारण उन्हें कुछ विशेष तरीकों से व्यवहार करना चाहिए। युवाओं के विरुद्ध वयोवाद में दण्ड, बोझ या आवश्यकताएँ भी शामिल हैं जो वृद्ध लोगों की तुलना में युवा लोगों पर विशेष रूप से या अधिक हद तक लगाई जाती हैं, जैसे कि वयराधारित सैन्य भर्ती।[7] यद्यपि युवा-उन्मुख समाज में, वृद्ध लोग उम्र सम्बन्धित पूर्वाग्रह और भेदभाव का एक बृहदनुपात सहन करते हैं। वृद्ध लोग स्वयं अत्यधिक वयोवादी हो सकते हैं, क्योंकि उन्होंने जीवन भर वयोवर्धन के बारे में नकारात्मक रूढ़धारणा को अपने भीतर समाहित कर लिया है। वयोवाद को अक्सर मृत्यु और विकलांगता के भय हेतु जिम्मेदार ठहराया जाता है, जिसमें वृद्ध लोगों से बचना, अलग करना और अस्वीकार करना मुकाबला तन्त्र के रूप में कार्य करता है जो लोगों को अपनी मृत्यु के बारे में सोचने से बचने की अनुमति देता है।[8] शारीरिक या मानसिक क्षमता के क्षति को लेकर कलंक और भेदभाव वास्तव में क्षमवाद है, न कि वयोवाद, और वार्धक्य आजीवन रहता है। पूर्वाग्रह के अन्य रूपों की तरह, वयोवाद जीव विज्ञान पर आधारित नहीं है बल्कि सामाज निर्मित है।

  1. "Ageism and Aging". www.achca.org. अभिगमन तिथि 2023-02-18.
  2. Weir, Kirsten. "Ageism is one of the last socially acceptable prejudices. Psychologists are working to change that". American Psychological Association (APA).
  3. Riddiough, Christine. "Ageism is real. It's time we fought it".
  4. Butler, R. N. (1969). "Age-ism: Another form of bigotry". The Gerontologist. 9 (4): 243–246. PMID 5366225. डीओआइ:10.1093/geront/9.4_part_1.243.
  5. Wilkinson J and Ferraro K, Thirty Years of Ageism Research. In Nelson T (ed). Ageism: Stereotyping and Prejudice Against Older Persons. Massachusetts Institute of Technology, 2002
  6. Karlsson, Carl-Johan (7 July 2021). "What Sweden's Covid failure tells us about ageism". Knowable Magazine. डीओआइ:10.1146/knowable-070621-1. अभिगमन तिथि 9 December 2021.
  7. "Youth Liberation and Military Conscription - Peace and Justice Studies Association" (अंग्रेज़ी में). 2021-08-24. अभिगमन तिथि 2023-09-07.
  8. Friend, Tad (2017-11-13). "Why Ageism Never Gets Old". The New Yorker (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0028-792X. अभिगमन तिथि 2023-09-07.