वराह पुराण वेदव्यास द्वारा रचित १८ पुराणोमें से एक १२ स्थान पर आता है । इसमें श्लोकों की संख्या २४ सहस्त्र है । इसमें भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वाराह अवतार के बारे में सनशिप्त रूप से बताया गया है । इसमें भगवान वाराह के साथ साथ अनेक तीर्थों (सोरों सूकरक्षेत्र), व्रत, यज्ञ -यजन, श्राद-तर्पण, दान और अनुस्ठान का शिक्षाप्रध व कल्याणकारी वर्णन है । वाराह पुराण एक वैष्णव पुराण है । इसमें २१७ अध्याय है ।