वरैंजियाई या वारयागी (रूसी: варяги, अंग्रेज़ी: Varangians या Varyags) पूर्वी स्लाव लोगों और यूनानियों द्वारा उन वाइकिंग लोगों के लिए इस्तेमाल होने वाला एक नाम था जिन्होंने 9वीं से 11वीं सदी ईसवी तक मध्यकालीन कीवयाई रूस राज्य पर राज किया और जिनसे बीज़ान्टिन सल्तनत का वरैन्जियाई दस्ता बना हुआ था। 12वीं सदी में लिखे गए प्रमुख वृत्तांत नामक इतिहास-गाथा में दर्ज है कि वरैन्जियाईयों का एक गुट रूरिक (Rurik, Рюрик) नामक शासक के नेतृत्व में 862 ईसवी में नोवगोरोद क्षेत्र में आकर बस गया। 882 में रूरिक के सम्बन्धी ओलेग (Oleg, Олег) ने कीव पर चढ़ाई करी और क़ब्ज़ा कर के उसे कीवयाई रूस का आधार बनाया। इस राज्य पर बाद में रूरिक के वंशजों ने शासन किया और यही रूस, बेलारूस और युक्रेन का ऐतिहासिक आधार माना जाता है।[1][2][3][4][5]

वरैन्जियाई व्यापार मार्ग - वोल्गा व्यापार मार्ग (लाल रंग), यूनान के साथ व्यापार मार्ग (जामुनी रंग) और अन्य मार्ग (नारंगी)

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Varangian Archived 2018-06-12 at the वेबैक मशीन," Online Etymology Dictionary
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 17 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 नवंबर 2012.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 नवंबर 2012.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 नवंबर 2012.
  5. Atlas of Russia and the Soviet Union, R. R. Milner-Gulland, Phaidon, Page 36, ISBN 0-7148-2549-2