वर्णक या रंगद्रव्य या रंजक या पिगमेन्ट (pigment) ऐसे पदार्थ को कहते हैं जो अपने ऊपर गिरने वाले प्रकाश को किसी अन्य रंग में बदलकर प्रतिबिम्बित करे। ऐसे पदार्थ अपने ऊपर गिरने वाले प्रकाश की किरणों में से कुछ तरंगदैर्घ्य (वेवलेन्थ) वाली किरणें सोख लेते हैं और बाकी को प्रतिबिम्बित कर देते हैं। जो किरणें प्रतिबिम्बित होती हैं पदार्थ का रंग वही दिखता है। उदाहरण के लिए सिन्दूर हीमोग्लोबिन नीले व हरे रंग वाली किरणें सोख लेता है और लाल व नारंगी किरणें प्रतिबिम्बित करता है। प्रयोग-योग्य रंगद्रव्य ऐसे पदार्थ और द्रव होते हैं जिन्हें अन्य वस्तुओं पर लेपा जा सके जिससे उन वस्तुओं का भी वही रंग हो जाता है।[1][2]

प्राकृतिक अल्ट्रामरीन लाजवर्द को पीसकर बनाया जाने वाला एक रंगद्रव्य है

इन्हें भी देखें

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  1. Ball, Philip (2002). Bright Earth: Art and the Invention of Color. Farrar, Straus and Giroux. ISBN 0-374-11679-2
  2. "Pigments Through the Ages" Archived 2013-07-30 at the वेबैक मशीन. WebExhibits.org. Retrieved 2007-10-18.