ज्योतिष के अनुसार हर व्यक्ति की एक जन्म कुंडली होती है जो उसके जन्म के समय और स्थान पर ग्रहों की स्थिति के अनुसार निर्मित होती है। किसी भी व्यक्ति की जन्मपत्री में कई तरह के गुणों का उल्लेख होता हैं जैसे राशि, गण, योनी, नाड़ी, नक्षत्र, 'वर्ण' इत्यादि।[1]

जन्मपत्री के अनुसार किसी भी व्यक्ति का 'वर्ण' इन चार में से एक हो सकता है - ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य या शूद्र।[2][3] सरल शब्दों में वर्णन इस प्रकार है:-

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संदर्भ संपादित करें

  1. कुंडली में वर्ण क्या होता है? Elegant Answer.
  2. कुंडली में वर्ण कूट मिलान क्या होता है। Dainik Astrology.
  3. Varna Kuta in Kundali Matching, DrikPanchang.
  4. "वर्ण मिलान – कुण्डली मिलान भाग – 3".
  5. ब्रहत पराशर होरा शास्त्र पृष्ठ 49-50