वल्कल
वानस्पतिकी में, वल्कल एक संवहनीय पादपों में तने या मूल की बाह्य स्तर होती है, जो बाह्यत्वचा के नीचे स्थित होती है किन्तु संवहनीय गुच्छों के बाहर होती है। वल्कल की सबसे भीतरी स्तर अन्तस्त्वचा होती है। इसमें नालाकर की कोशिकाओं को एकल सतह होती है। इन कोशिकाओं में अन्तःकोशिकीय स्थान नहीं होता। अतस्त्वचा को कोशिकाओं की स्पर्श रेखीय तथा अरीय भित्तियों पर कैस्पारीय पट्टियों के रूप में जल अपारगम्य, मोमी पदार्थ सुबेरिन होता है। बाहरी वल्कलीय कोशिकाएँ प्रायः अनियमित रूप से मोटी हुई कोशिका भित्ति का अधिग्रहण करती हैं, और उन्हें स्थूलोतक कोशिका कहा जाता है।