वांक–देखां विवेचनो
साहित्य अकादमी पुरस्कृत पुस्तक
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वांक–देखां विवेचनो गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार जयंत कोठारी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1998 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
वांक–देखां विवेचनो | |
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[[चित्र:|]] वांक–देखां विवेचनो | |
लेखक | जयंत कोठारी |
देश | भारत |
भाषा | गुजराती भाषा |
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.