वाछरा दादा
वाछर दादा या वच्छराज दादा या वत्सराज गुजरात के एक लोकदेवता हैं। वे एक महान योद्धा थे। उस क्षेत्र के हिन्दू और मुसलमान दोनों उन्हें अपने नायक के रूप में सम्मानित करते हैं। [1]
वच्छराज दादा का जन्म लगभग 800 वर्ष पहले हुआ था। वाछरा दादा पशुओं की सेवा में कभी किसी से भी नहीं डरते थे। जब उनका विवाह हो रहा था तब उनको किसी अपने गांववाले ने बताया कि लुटेरे अपने गांव की गायों को लेकर जा रहे है। तब वाछरा दादा विवाह के फेरे अधूरे छोड़कर गायों को बचाने अकेले चले गए थे। वे सारी गायों को वापस लेकर वापिस आए थे । लेकिन 'वेगड़' नाम की एक गाय लुटेरों के पास रह गई थी। वाछरा दादा फिर से उस गाय को लुटेंरो से बचाने अकेले गए थे।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Zaverchand Kalidas Meghani (2003). A Noble Heritage: A Collection of Short Stories Based on the Folklore of Saurashtra. Bharatiya Vidya Bhavan. पृ॰ xix. मूल से 15 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 April 2016.