वारंट ऑफीसर चाको जोसफ

वारंट ऑफीसर चाको जोसफ, भारतीय वायु सेना में भारी यातायात स्क्वाड्रन, जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्र में १९६१ से फ्लाइट गनर के पद पर कार्यरत रहे। वे ४४वीं स्क्वाड्रन के संग संलग्न थे।[1] अब तक उन्होंने कुल ३५०० घंटे की उड़ान भरीं, जिनमें से लगभग १६०० घंटे लद्दाख क्षेत्र की उड़ानें रहीं। गनरी लीडर के पद के सामान्य कार्यभार के अलावा, उन्होंने कनिष्ठ गनर्स को भी प्रशिक्षण दिया, साथ ही उन्हें इकाई की प्रचालन भूमिका से भी अवगत कराया।

चाको जोसफ
चित्र:Chacko Joseph.jpg
वारंट ऑफीसर चाको जोसफ
जन्म = १९ अप्रैल, १९२६
चंगनाशेरी, केरल
मौत १२ अगस्त, १९७८
राष्ट्रीयता भारतीय
उपनाम सी जोसफ़
प्रसिद्धि का कारण वायुसेना पदक धारी फील्ड गनर
४४वीं स्क्वाड्रन.माइटी जेट्स
धर्म ईसाई

विशेष योगदान

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२० अक्टूबर, १९६२ को, भारत चीन युद्ध के दौरान, उत्तरी सीमाओं पर उड़ते हुए, इनके वायुयान का चीनी ओर से भारी जमीनी गोलीबारी का सामना हुआ। उस समय परम धैर्य और अत्यंत साहस का साथ रखते हुए, इन्होंने भूमि पर तोपों की स्थिति भांपी और यान के कप्तान को ही नहीं, वरन उस समय साथ के अन्य सभी वायुयान के चालकों को भी सूचित किया। यही सूचना बेस के अधिकारियों को भी पहुंची। उनके इस उद्यत प्रतिक्रिया से अन्य विमानों को क्षतिग्रस्त होने से बचा लिया। श्री चाको ने उच्चस्तरीय वृत्तिक कौशल और अपने कर्तव्य के प्रति लगन का उत्तम परिचय दिया। इस कौशल हेतु भारत सरकार ने उन्हें १ जनवरी, १९६५ को वायु सेना पदक से सम्मानित किया।

बाहरी कड़ियाँ

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