माँ वाराही हिन्दू धर्म की सप्तमातृका में से एक है।यह देवी लक्ष्मी का स्वरूप है। जो भगवान विष्णु के वराहावतार की शक्ति रूपा है। इनका शीश जंगली शूकर का है। श्री दुर्गा शप्तशति चण्डी के अनुसार शुम्भ-निशुम्भ दो महादैत्यों के साथ जव महाशक्ति भगवती माँ दुर्गा का प्रचण्ड युद्ध हो राहा था तब माँ भगवती परमेश्वरी कि सहायता करने के लिए सभी प्रमुख देवता (भगवान शिव, भगवान विष्णु , भगवान ब्रह्मा , देवराज इंद्र , कुमार कार्तिकेय) अपने कर्मो के आधार शक्ति स्वरूपा देवीऔ को अपने शरीर से प्रकट किया था । उसी समय भगवान विष्णु अपने अंशावतार वाराह के शक्ति माँ वाराही को प्रकट किया था। भगवान विष्णु की शक्ति देवी लक्ष्मी है उनके वराह अवतार की शक्ति देवी लक्ष्मी की अवतार वाराही है

वाराही
मातृकाओं में से एक

नेपाल में प्राप्त १४वीं शताब्दी की वाराही की मूर्ति
अन्य नाम वार्त्ताली, दण्डिनी देवी, वेरै, बाराही
देवनागरी वाराही
संस्कृत लिप्यंतरण Vārāhī
संबंध मातृका, देवी, लक्ष्मी
निवासस्थान मणिद्वीप, वैकुण्ठ
मंत्र ओम् वाराहमुखी विद्महे दण्डहस्ताय धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्
अस्त्र हल एवं मूसल
जीवनसाथी विष्णु, वाराह रूप में
सवारी भैंस

इन्हें भी देखें

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