वारिस अली शाह
वारिस अली शाह; Waris Ali Shah: (उर्दू: حاجی وارث علی شاہ), हाजी वारिस अली शाह या सरकार वारिस पाक 1819-1905 ईस्वी के मध्य में एक सूफी संत थे, और बाराबंकी, भारत, में सूफीवाद के वारसी आदेश के संस्थापक थे। इन्होंने व्यापक रूप से पश्चिमी यात्रा की और लोगों को अपनी आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण कराई और लोगों ने इनकी शिक्षाओं को स्वीकार किया। इनकी दरगाह बाराबंकी स्थित देवा शरीफ में स्थित है, जो अवध क्षेत्र की सबसे बड़ी दरगाह में से एक है। इसलिए उन्हें शहंशाहे अवध के नाम से भी जाना जाता है। .[1]।[2][3]
हाजी वारिस अली शाह Haji Waris Ali Shah | |
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![]() हाजी वारिस अली शाह की दरगाह बाराबंकी, उत्तर प्रदेश. | |
उपाधि | हाजी |
जन्म | 16 जुलाई 1819 |
मृत्यु | 7 अप्रैल 1905 देवा शरीफ, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश |
कब्र स्थल | देवा शरीफ उत्तर प्रदेश |
अन्य नाम | शहंशाहे अवध, सरकार वारिस पाक, वारिस बाबा, हाजी वारिस अली शाह |
युग | प्रारंभिक 19 वीं शताब्दी |
क्षेत्र | भारत |
धर्म | इस्लाम |
सम्प्रदाय | सुन्नी, (सूफी) |
सुफी क्रम | कद्रीयिया और चिश्ती |
इनके के पिता का नाम कुर्बान अली शाह था जिनकी कब्र (मजार शरीफ) भी देवा शरीफ में स्थित हैं।[4] हजरत हाजी वारिस अली शाह ने बहुत ही कम उम्र में धार्मिक ज्ञान प्राप्त कर लिया था। आप तमाम इन्सानो को एक ही ईश्वर की कृति माने,इसलिए आप जाति-धर्म, उन्च-नीच और अमीर-गरीब की भावना से मुक्त होकर जगत के सारे इन्सानो से प्रेम किये और संदेश दिये, "प्रेम ही उत्तम कर्तव्य हैं"[5]
भ्रमण
संपादित करेंहजरत वारिस पाक कई बार तीर्थ यात्रा के लिए मक्का गये.[6] और यूरोप इंग्लैंड का भ्रमण किया यूरोप में अपनी व्यापक यात्रा के दौरान, इन्होनें तुर्की की सल्तनत का भी दौरा किया था।
म्रत्यु
संपादित करेंहजरत वारिस पाक की 1 सफर 1323 हिजरी (7 अप्रैल 1905 ईस्वी) में मृत्यु हो गई थी.[7]
शिष्य
संपादित करेंहजरत वारिस पाक के कई धर्मों अनुयायी थे.[8] इनके शिष्यों में मुसलमान और हिंदू दोनों शामिल हैं
- शेख खुदा बख्श
- मुशीर हुसैन किदवाई
- ठाकुर पंचाम सिंह
- हकीम सफदर अली वारसी
- राजा उदय नारायण सिंह (सुरतगंज, अवध)
- बाबू मोती मिस्कर (भागलपुर)
- ठाकुर गरूर मोहन सिंह, जमींदार (भागलपुर)
- हज़रत बाबा सूफी सय्यद दीवाना शाह वारसी (जगत्दल, पश्चिम बंगाल)
- सदाफ जब्बार फ़ज़ीहैट
- सुल्तान अब्दुल मजीद[9]
- शाह अब्दुल अदख शाह
- मौलाना मोहम्मद शाह
- मस्ताकिम शाह [10]
- shirdi sai baba
- फ़ैजु शाह
- गुलाम मुहम्मद (पाकिस्तान के गवर्नर जनरल)[11]
- रहीम शाह
- हाफिज प्यारी
- शकिर शाह
- बेदम शाह (बेदम शाह वारसी को वारिस अली शाह के खुसरो के रूप में पहचाना जाता है).[12]
- अवघत शाह
- बेक़रार शाह[13]
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंWaris Pak अंग्रेजी में
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Hasan, Masoodul (2007). Sufism and English literature : Chaucer to the present age : echoes and images. New Delhi, India: Adam Publishers & Distributors. pp. 5, 183. ISBN 9788174355232.
- ↑ Hadi, Nabi (1994). Dictionary of Indo-Persian literature. Janpath, New Delhi: Indira Gandhi National Centre for the Arts. p. 554. ISBN 9788170173113. 17 जून 2016 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 16 फ़रवरी 2018.
- ↑ Prasad, Rajendra (2010). India divided. New Delhi: Penguin Books. p. 44. ISBN 9780143414155.
- ↑ All India Reporter, Volume 4, Part 5. D.V. Chitaley. 1917. pp. 81, 85, 87.
- ↑ Islamic Review and Muslim India (अंग्रेज़ी भाषा में). Kraus Reprint. 1971.
- ↑ Ehtisham, S. Akhtar (2008). A medical doctor examines life on three continents : a Pakistani view. New York: Algora Pub. p. 11. ISBN 9780875866345. 26 दिसंबर 2018 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 16 फ़रवरी 2018.
- ↑ Sharib, Zahurul Hassan (2006). The Sufi saints of the Indian subcontinent. Munshiram Manoharlal Publishers. p. 290.
- ↑ "Disciples of Waris Ali Shah". मूल से से 1 मार्च 2018 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 16 फ़रवरी 2018.
- ↑ Sharib, Zahurul Hassan (2006). The Sufi Saints of the Indian Subcontinent (अंग्रेज़ी भाषा में). Munshiram Manoharlal Publishers. ISBN 978-81-215-1052-3.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से से 1 मार्च 2018 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 16 फ़रवरी 2018.
- ↑ Zaman, Muhammad Qasim (2018-05-15). Islam in Pakistan: A History (अंग्रेज़ी भाषा में). Princeton University Press. ISBN 978-1-4008-8974-7.
- ↑ "Bedam Shah Warsi". अभिगमन तिथि: 2021-04-22.
- ↑ "जिसने देखा हो गया सैदा तेरा वारिस पिया." Dainik Jagran. अभिगमन तिथि: 2021-04-22.