रावणा राजपूत जाति सवंय मे एक जाति है कभी भी रावणा राजपूतो ने राजपूत होने का दावा नही किया

रावणा राजपूत वह राजपूत है जो आजादी से पूर्व किसी भी कारण से भूमिहीन हो गए थे और पर्दा कायम नहीं रख पाए। किन्तु अपनी मेहनत से आगे बढ़े।

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रावणा राजपूत वह राजपूत है जो आजादी से पूर्व किसी भी कारण से भूमिहीन हो गए थे और पर्दा कायम नहीं रख पाए। किन्तु अपनी मेहनत से आगे बढ़े। Vsrawna (वार्ता) 16:29, 25 अक्टूबर 2021 (UTC)उत्तर दें

उद्धरण चाहिए मुरही (वार्ता) 13:52, 13 जून 2023 (UTC)उत्तर दें

रावणा राजपुत एक क्षत्रिय वर्ण है

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रावणा राजपुत एक क्षत्रिय जाति है

Devendra Singh rawna (वार्ता) 14:40, 29 मई 2023 (UTC)उत्तर दें

उद्धरण चाहिए मुरही (वार्ता) 13:52, 13 जून 2023 (UTC)उत्तर दें
raona rajput are kshatrya and came as different community from rajput due to the practice of widow remarriage and for discarding purdaha they had little or no land for agriculture Krishanna80 (वार्ता) 14:14, 16 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें
ये उद्धरण नहीं है मुरही (बातचीत) 14:22, 16 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें
मेजर दलपतसिह शेखावत जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जोधपुर लांसर्स का नेतृत्व किया था एक रावणा राजपूत थे। रिसालदार पन्नालाल सिंह चौहान, किलेदार नथकरण, किलेदार औनाङसिह पंवार सब रावणा राजपूत और क्षत्रिय वर्ण से थे। अधिक जानकारी के लिए आज से 100 साल पहले ठा जयसिंह बघेल द्वारा लिखित रावणा राजपूत मीमांसा पुस्तक का अध्ययन करें। Krishanna80 (वार्ता) 00:00, 17 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें
कुछ लोगों पे लागू होनेवाली बात पूरे समुदाय पे लागू नहीं हो सकती। जयसिंह इतिहासकर नहीं है (क्योंकि वो उनके विचार लग रहे है), और उनकी किताब स्रोत के तरह इस्तेमाल नहीं हो सकती। मुरही (बातचीत) 14:38, 17 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें
क्षत्रिय वर्ण का एक समुदाय राजपूत हैं। जिन जिन राजपूतों ने पर्दा प्रथा का त्याग कर दिया और कम उम्र की विधवा का पुनः विवाह करना प्रारम्भ किया उन परिवारो का , राजपूत समुदाय से संबंध विच्छेद होता गया। ऐसे में ये एक नया समुदाय रावणा राजपूत बन गया। राजस्थान में रावणा राजपूत समुदाय में वे सारे गोत्र/वंश हैं जो राजपूत समुदाय में हैं। न्यूनाधिक रूप से राजपूतों और रावणा राजपूत समुदाय में वैवाहिक संबंध होते आये हैं। मारवाड़ रियासत में सैकड़ों उदाहरण पङे हैं जहां रावणा राजपूत समुदाय के लोगों ने किलेदार, मुसाहिब जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था। इन लोगों के वैवाहिक संबंध राजपूतों से होते आये हैं। यदि अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण और राजनीति में अलग से प्रतिनिधित्व की मांग नहीं होती तो ये नया वर्ग नहीं बनता। 1971 ई मे जोधपुर के पूर्व महाराजा श्री गजसिह राठौड़ ने भी पत्र जारी कर यह बताया था कि रावणा राजपूत नाम इतिहास में नहीं है। रावणा राजपूत तो, राजपूत जाति का ही एक वर्ग हैं। राजस्थान में रावणा राजपूतो के अलावा सामान्य वर्ग के राजपूत, भोमिया राजपूत, नातरायत राजपूत, करसा राजपूत, रावत राजपूत भी पाये जाते हैं। इनमें आपसी वैवाहिक संबंध नगण्य है। राजसमन्द जिले के नातरायत राजपूतो को ओ बी सी आरक्षण प्राप्त हैं। राजस्थान में रावत राजपूतों को भी ओ बी सी आरक्षण प्राप्त हैं। यहां तक कि चारणो को भी ओ बी सी आरक्षण प्राप्त हैं और चारणो की भी गिनती क्षत्रिय वर्ण में हैं। ब्राह्मण भी पचास तरीके के होते हैं। श्रीमाली, पुष्करणा, गौङ, वैष्णव। इनमें आपसी वैवाहिक संबंध नहीं होते है फिर भी ये सब ब्राह्मण हैं। अधिकांश रावणा राजपूत पांच से आठ पीढी पहले राजपूत ही थे। रावणा राजपूत परिवार में जो राव वंशावली का वाचन करता है तो अपनी बही में राजपूत ही दर्ज करता है न कि रावणा राजपूत। रावणा राजपूत जाति मे समस्त परम्पराऐ, खान पान, वस्त्र शैली राजपूतो के समान है। ऐसे में क्षत्रिय कैसे नहीं है। रिसालदार पन्नालाल सिंह चौहान द्वारा लिखित भ्रांति निवारण पुस्तक में भी साठ साल पहले इस समुदाय के लोगों को क्षत्रियोचित काम के लिए प्रेरित किया था Krishanna80 (वार्ता) 17:08, 18 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें

रावणा राजपूत क्षत्रिय जाति

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रावणा राजपूत वह जाती है जिससे हाय-पा

हीरो मेजर दलपत सिंह जी देवली आते हैं जिन्होंने इजराइल में जाकर के राजस्थान ही नहीं पूरे भारत का नाम गर्व के साथ में ऊंचा किया था जिनकी आज दिल्ली के त्रिमूर्ति सर्किल पर मूर्ति लगी हुई है मेजर दलपत सिंह जी देवली साहब को ऊपर पूरे समाज को गर्व है 2409:4085:2E1E:1754:0:0:6A4A:1614 (वार्ता) 15:44, 22 अक्टूबर 2023 (UTC)उत्तर दें

रावणा राजपूत एक क्षत्रिय राजपूत है ओर रावणा राजपूतो का इतिहास

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Jai mata ji ki hkm 🙏 - में बताना चाहता हु की आपने विकिपीडिया में ये कैसे लिख दिया कि रावणा राजपूत नकली राजपूत है इससे पता चलता है कि आप राजपूतो में फूट डालने का काम कर रहे हो , यदि ऐसी ही बात है तो में बताना चाहता हु उन वीरो का इतिहास जो सब जानते है मगर बताना कोई नही चाहता

  1. - रावणा राजपूत , राजपूत समाज से अलग होते तो कल्चर कभी एक नही होता
  2. ओर मेजर दलपत सिंह ये वो नाम है जो रावणा राजपूतो को गर्व करवाता है लेकिन आपने कभी विकिपीडिया में नही छापा क्योंकि किसी दूसरे को इतिहास पता चल जाएगा की रावणा राजपूत एक क्षत्रिय राजपूत है 😄
  3. मेजर दलपत सिंह शेखावत ये वो नाम है जो 1914 ( प्रथम विश्व युद्ध ) मे चारो तरफ गुंजा था
  4. यदि रावणा राजपूत ' राजपूत ' समाज से अलग होंते तो मेजर दलपत सिंह जी को जोधपुर के शासक उन्हें पढ़ने के लिये विदेश नही भेजते
  5. मेजर दलपत सिंह जी के पिता जी ठाकुर हरि सिंह जी हरजीपूरा के सामन्त थे जिससे पता चलता है कि रावणा राजपूत कोई अलग जाती नही है और ठाकुर हरि सिंह जी उस समय विश्व पर्शिद पोलो खिलाड़ी थे
  6. 1857 की क्रांति में रावणा राजपूत समाज का नाम गौरवान्वित करने वाले आउहा के ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत के सेना पति अनाड़सिंह सिंह पंवार जिसने अंग्रेजों को खदेड़ दिया था यह भी एक प्रमाण है जिससे पता चलता है कि रावणा राजपूत एक क्षत्रिय कॉम है
  7. यह सही है कि राजपूत समाज मे पहले कही योद्धा व राजा हुए थे जो कि युद्ध नीति के तहत भूमिहीन हैं हो गए और दूसरे राजपूत राजा के यहा सैनिक पद्धवि ( जो कि बाद में इन नामो से जानी गई- दरोगा , वजीर , हजूरी ) पर कार्य करने लगे ,लेकिन जब अंग्रेज आये और उन्होंने सैनिक में कार्यरत सेनिको को निम्न रूप देखा व राजा व सैनिक में फूट डाल कर शासन करने की नित्ति अपनाई जिससे वह अंग्रेज सफल हुए जिस कारण शासक राजपूत सेनिको को निम्न दृश्टि से देखा और अभी भी यह पद प्रचलित है जैसे - दरोगा ,हजूरी,वजीर बाद में इन लोगो ने अपने आप को एकत्रित कर एक नाम दिया जो वर्तमान में प्रचलित है - ( रावणा राजपूत )
  8. यह सभी बाते शूद्ध रूप से प्रमाणित करती है कि रावणा राजपूत कोई अलग जाती नही है ये राजपूत ही है -
  9. ओर अधिक जानने के लिये इंस्टा I'd -

@kuldeep_singh_chouhan2

Kuldeep singh 2497 (वार्ता) 02:13, 22 जुलाई 2024 (UTC)उत्तर दें

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