भगवान वाल्मीकि का तीर्थ स्थल पंजाब के अमृतसर शहर में भगवान वाल्मीकि नामक तीर्थ रोड पर स्थित मंदिर पैनोरमा परिसर और वाल्मीकि का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक है। 1 दिसंबर 2016 से ही इस मंदिर के मुख्य मुख्य भाग में ऋषि वाल्मीकि की 8 फुट ऊँची  व 800 किलोग्राम सोने की परत चढ़ी मूर्ति स्थापित की हुई है।

वाल्मीकि का मंदिर
वाल्मीकि का मंदिर

पौराणिक कथा

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वाल्मीकि का मंदिर या भगवान वाल्मीकि का तीर्थस्थान, वाल्मीकि को समर्पित पंजाब के अमृतसर से 11 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। क्षेत्रीय मान्यता व परंपरा के अनुसार मंदिर महाकाव्य, रामायण की घटनाओं आदि में इसकी जानकारी दिखाई पड़ती है तथा यह उसी काल या अवधि से संबंधित है। इसे ऋषि वाल्मीकि के आश्रम के स्थान के रूप में पहचान जाता है। किवंदन्ती के अनुसार जब श्री राम ने यह फैसला लिया की सीता माता वापिस अयोध्या नहीं लोटेंगी तब इसी स्थान पर ऋषि ने राम की पत्नी सीता को आश्रय प्रदान किया था तथा इसी स्थान पर माता सीता ने लव-कुश को भी जन्म दिया था।