विकास के सिद्धान्त
विकास सिद्धान्त, सिद्धान्तों के उस समुच्चय को कहते हैं जो इस बात की व्याख्या करते हैं कि समाज में वांछनीय परिवर्तन किस प्रकार से सबसे प्रभावी ढंग से किये जा सकते हैं। इस तरह के सिद्धान्त विभिन्न सामाजिक विज्ञानों और दृष्टिकोणों पर आधारित हैं।
- प्रमुख सिद्धान्त
- आधुनिकीकरण सिद्धन्त
- सामजिक एवं नृजतीय आधुनिकरण
सिद्धान्त
- विकास के रैखिक चरण का मॉडल
- संरचनावाद (Structuralism)
- निर्भरता सिद्धान्त (Dependency theory)
- मूलभूत आवश्यकताएँ
- नवक्लासिक सिद्धान्त
- संरचनात्म्क समायोजन (Structural adjustment)
- हाल में प्रतिपादित सिद्धान्त
- उत्तर-विकास सिद्धान्त (Post-development theory)
- टिकाऊ विकास
आधुनिकीकरण सिद्धान्त
संपादित करेंआधुनिकीकरण सिद्धांत का उपयोग उन प्रक्रियाओं का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है जिनसे होकर समाजों में आधुनिकीकरण होता है। यह सिद्धांत देखता है कि देशों के कौन से पहलू लाभकर हैं और और कौन से आर्थिक विकास के लिए बाधक। इससे उन विशेष पहलुओं को ध्यान में रखकर की गयी विकास सहायता 'पारंपरिक' या 'पिछड़े' समाजों को आधुनिकता की ओर ले जा सकती है। आधुनिकीकरण सिद्धांत में विभिन्न अनुसंधान विषयों के वैज्ञानिकों ने योगदान दिया है।
सन्दर्भ
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- विकास के सिद्धान्त Archived 2021-11-14 at the वेबैक मशीन