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सस्ता सहित्य मण्डल

सुबोध साहित्य माला

हमारे सन्त महात्मा

इस माला मे बड़ी सरल-सुबोध-भाषा मे भारत की आत्मा की झांकी दिखाने का प्रयत्न किया गया है। भारत संतों, विद्वानों, वीरों, पर्वतों, तीर्थो, नदियो, वनों, आदि-अदि का देश है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक संस्कृति की ऐसी धारा प्रवाहित होती है, जो सारे देश को एक और अखंड बनाती है।

भारत मे अनेक धर्म है, अनेक भाषाएं है, नाना प्रकार के आचार-विचार है, लेकिन फिर भी अनेकता के बीच एकता दिखाई देती है। इसका कारण यह है कि हमारे संतो और महापुरूषो ने कभी मनुष्य के बाहरी भेदो पर जोर नही दिया। उन्होने इंसान को इंसान के रूप मे देखा। हमारे संत, तीर्थ, पर्वत, नदियां आदि किसी धर्म-विशेष के नहीं है, सबके है।

इस माला की पुस्तकों के पीछे हमारी भावना है कि पाठक अपने देश को अच्छी तरह देखें, उसके असली रूप को पहचानें ओर एक महान देश के नागरिक के नाते उनके जो कर्त्तव्य है, उनका पालन करें।

पुस्तकों की भाषा इतनी आसान है कि कम पढ़े-लिखें पाठक भी उन्हें अच्छी तरह पढ़ और समझ सकते है। प्रत्येंक पुस्तक मे कई-कई चित्र भी दिये गए है।

हम आशा करते है कि पाठक इन पुस्तको को बड़े चाव से पढ़ेगें, दूसरो को पढ़वायेंगें ओर इनका भरपूर लाभ लेगें।