विकिपीडिया वार्ता:सुरक्षित पृष्ठ
सदस्यों को विनंत्ती की जाती है वे अपने के बारे में अपने विचार एवम परीचय जरुर दें । इस जानकारी एवम् ज्ञानसे स्वम् अपने को तथा अन्य सदस्यों को परम संतोष तथा मुक्त ज्ञानकोषकी सहायता में वृद्धी होगी।
अनुरोध
संपादित करेंवीकीपीडीया मुक्त ज्ञानकोष के कई लेख को प्रबंधकों ने अपने बापकी मिलक्त समजकर सुरक्षीत कर दीया है । इन प्रबंधकों मे राजीव मास, पुर्णीमा वर्मन, मनीष वषीश्ठ तथा मितुल नामके प्रबंधक मुख्य है । इन प्रबंधकोंने कुकर्म करके कइ सदस्यों को व्यक्तिगत नुकसान भी कीया है। पुरा भंडा चौपाल पर रख गया था ओर इन प्रबंधकों ने मीटाकर अब सुरक्षीत कर दीया है । इन प्रबंधकोने टुल्सका दुरउपयोग करके कइ सदस्योंके खाते ब्लोक कीया है। इनके कुकर्म की पुरी जानकारी पुरे संसारके वीकीपीडीयांके सदस्योंको मीले उसके लीये कार्यवाही चालु है ।
प्रस्ताव
संपादित करेंमेरे विचार में इस नीति में निम्नलिखित बदलाव किए जाने चाहिए:
- अत्यधिक बर्बरता एवं उत्पात - अत्यधिक बर्बरता एवं उत्पात होने पर पृष्ठों को अर्ध-सुरक्षित किया जा सकता है। यदि बर्बरता स्वतः स्थापित सदस्यों द्वारा हो तभी पूर्ण सुरक्षा की जाए।
मैं अंतिम पॉइंट अधिक यातायात वाला पृष्ठ से सहमत नहीं हूँ, क्योंकि अधिक यातायात वाले पृष्ठ ही होते हैं जिनसे नए सदस्यों के जुड़ने की संभावना अधिक होती है। यदि इनको ही अर्ध-सुरक्षित कर दिया जाएगा तो विकी समाज बढ़ेगा कैसे? मैं मानता हूँ कि बर्बरता होने की संभावना अच्छे संपादनों से अधिक हो सकती है। परंतु इन पृष्ठों की सुरक्षा हेतु अत्यधिक बर्बरता एवं उत्पात वाला पॉइंट ही काफी है।
साथ ही मेरा अनुरोध होगा के बर्बरता होने पर सुरक्षित करने के समय की कोई सीमा होनी चाहिए। मेरे विचार में लेखों अथवा साँचों पर अधिक से अधिक बर्बरता होने पर भी 1 वर्ष से अधिक सुरक्षा का कोई तर्क नहीं है। अतः सुरक्षा समय के लिए एक लिमिट होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त अति महत्त्वपूर्ण पृष्ठ वाला पॉइंट साफ़ नहीं है एवं महत्त्वपूर्ण किसे माना जाता है यह बात नीति में समझाई जानी चाहिए। आशा करता हूँ कि इस नीति के सुधार में उचित कदम उठाए जायेंगे।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 06:54, 19 अगस्त 2011 (UTC)
सभी प्रबंधकों से अनुरोध है के इस नीति में परिवर्तन किया जाए क्योंकि अभी की नीति के अनुसार अति महत्त्वपूर्ण पृष्ठ को बर्बरता न होने पर भी अर्ध-सुरक्षित किया जा सकता है, जबकि ये en:Wikipedia:Protection policy#Semi-protection के पूरे विरोध में है । यह पॉइंट विकी समाज बनने को रोकेगा और इसे शीघ्र-अतिशीघ्र हटाया जाना चाहिए ।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 12:52, 20 अगस्त 2011 (UTC)
- सिद्धार्थ जी दरसल दुविधा यह है कि हिन्दी विकि में इतने ज्यादा रोलबैकर्स एवं उत्त्पात नियन्त्रक नहीं कि हम बर्बरता से ग्रस्त पृष्ठों का पूरा ट्रैक रख सकें इसलिये कई महत्त्वपूर्ण पृष्ठों को सुरक्षित किया जाता है, हाँ एक बात अवश्य विचारनीय है कि हमें अधिकतर पृष्ठों को पूर्ण सुरक्षित करने के बजाये अर्ध सुरक्षित करना चाहिये या फिर फ्लैग रिवर्ट का प्रयोग अधिक करना चाहिये परन्तु उसके लिये हमें सक्रिय पुनरीक्षक चाहिये। आपकी बात से मैं सहमत हूँ हमें हमारी लेख सुरक्षा नीति को अपडेट करना चाहिये परन्तु यह एक महत्त्वपूर्ण विषय है इसे हम आने वाली आई आर सी सभा में चर्चा के द्वारा बना सकते है।--Mayur (talk•Email) 21:05, 20 अगस्त 2011 (UTC)
- मयूर जी, पिछले कुछ समय में हिन्दी विकिपीडिया की परेशानियों से मेरा थोड़ा-बहुत परिचय तो हो ही गया है। मैं मानता हूँ कि बर्बरता से लड़ने के लिए यहाँ रोलबैकर्स की कमी है। मैं इस बात से भी सहमत हूँ कि कुछ पृष्ठों को सुरक्षित करने की आवश्यकता होती है, परंतु साथ ही, जहाँ तक हो सके अर्धसुरक्षा का प्रयोग किया जाना चाहिए। लेकिन मेरे विचार में जिस पृष्ठ पर पहले कभी बर्बरता नहीं हुई, उस पृष्ठ को सुरक्षित करने की आवश्यकता नहीं है। यदि ऐसे पृष्ठों को सुरक्षित करना ही है, तो इसपर विचार-विमर्श हेतु पृष्ठ होना चाहिए जहाँ यदि एक सप्ताह तक कोई विरोध न आए तो और किसी की सहमती के बिना भी पृष्ठ सुरक्षित किया जा सकता है। इससे विकी समाज के नीति पर विचार भी अच्छी तरह पता चल जायेंगे और इस पृष्ठ पर आम सदस्य सुरक्षा का अनुरोध भी कर पायेंगे।
- काल करे सो आज कर, आज करे सो अब:मैं सभी प्रशासकों, प्रबंधकों एवं वरिष्ठ सदस्यों से निवेदन करूँगा के वे यहाँ अपने विचार प्रकट करें। इससे आई.आर.सी सभा से पहले ही सबके विचार पता लग जाएंगे और सबको सोचने का समय भी मिल जाएगा।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 13:55, 21 अगस्त 2011 (UTC)
- मेरे विचार से अति-महत्वपूर्ण लेखों/पृष्ठों को अर्ध-सुरक्षित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त यह बात विवादित और विवादास्पद लेखों पर और भी अधिक लागू होती है। बहुत बार विवादास्पद लेखों पर सम्पादक अपनी विचारधारा के अनुरूप छोटे-छोटे परिवर्तन करते रहते हैं जो एकदम से पकड़ में नहीं आते। और इस सम्बन्ध में यह भी किया जा सकता है कि अति-महत्वपूर्ण पृष्ठों और विवादास्पद लेखों को सुरक्षित ना करके या अर्ध-सुरक्षित करके उनपर बिना खाता बनाए सम्पादन बन्द कर दिया जाए। यदि किसी लेख पर बहुत अधिक उत्पात किया जाता है तो उस लेख को उत्पात के आधार पर सम्पादनों के लिए बिल्कुल बन्द किया जा सकता है। जैसे किसी लेख पर उत्पात बहुत अधिक है या उत्पात कम है लेकिन बहुत विवादास्पद है तो बिल्कुल बन्द और कम उत्पात की स्थित में सीमित सम्पादनों के लिए खुला छोड़ा जा सकता है। रोहित रावत (वार्ता) 15:27, 21 अगस्त 2011 (UTC)
- अधिक यातायात वाले पृष्ठ ही होते हैं जिनसे नए सदस्यों के जुड़ने की संभावना अधिक होती है
- में आपकी बात से सहमत हु। लिकिन हम मुखपृष्ठ जैसे पन्नो को सुरक्षित न करने का जोखिम नहीं उठा सकते। मेरे ख्याल से अगर कोई किसी अधिक यातायात वाले पृष्ठ को सुरक्षित करना चाहता है तो उससे अपना प्रस्ताव वार्ता पृष्ठ पर रखना चाहिए और अगर आम सहमति है तो ही कोई कदम उठाना चाहिए। संक्षेप में, में आपके प्रस्ताव का समर्थन करता हु लिकिन अगर किसी पृष्ठ को सुरक्षित करने पर आम सहमति है तो उस पृष्ठ को सुरक्षित करने की अनुमति होनी चाहिए। वैभव जैन वार्ता ईमेल 15:44, 21 अगस्त 2011 (UTC)
- रोहित जी, मैं आपकी बात से सहमत हूँ कि विवादित और विवादास्पक लेखों को अर्ध-सुरक्षित एवं आवश्यकता होने पर सुरक्षित किया जाना चाहिए। मैं आपके सुझाव में यह बात जोड़ना चाहूँगा कि ऐसे पृष्ठों को सुरक्षित करने का कार्य किसी ऐसे प्रशासक को करना चाहिए जो उस लेख के सम्पादन में सक्रीय न हो। कोई भी प्रशासक, जो किसी विवादास्पक लेख के सम्पादन में सक्रीय है, आखिर इंसान होते हुए, अनजाने में ही सही, अपनी विचारधारा वाले अवतरण को सुरक्षित कर सकता है। इससे उस लेख की तटस्थता पर सवाल उठ सकते हैं। अतः मेरे विचार में एक ही पृष्ठ होना चाहिए जहाँ प्रशासक एवं आम सदस्य ऐसे पृष्ठों की सुरक्षा का प्रस्ताव रख सकें।
- वैभव जी, मेरे कहने का मतलब यह था कि आम लेख जिनपर हाल में कोई बर्बरता नहीं हुई है, इस नीति के महत्वपूर्ण लेखों में न गिने जाएँ। अभी महत्वपूर्ण लेख की कोई परिभाषा न होने के कारण कई आम लेखों की सुरक्षा इसी कारण का प्रयोग कर की जा सकती है नीति के उल्लंघन के बिना। मैं मानता हूँ कि "महत्वपूर्ण" शब्द की इस प्रसंग में परिभाषा बनाना बहुत कठिन कार्य हो सकता है, इसीलिए मेरे विचार में इस पॉइंट में कम-से-कम कुछ exceptions होने चाहियें, जैसे कि:
- "कोई भी आम लेख, जिसमें हाल में(पिछले १ सप्ताह में) कोई बर्बरता न हुई हो, इस कारण से सुरक्षित नहीं किया जा सकता।"
- "कोई भी साँचा, जो ५० से कम पृष्ठों पर प्रयुक्त हो, और जिसमें हाल में(पिछले १ सप्ताह में) कोई बर्बरता न हुई हो, इस कारण से सुरक्षित नहीं किया जा सकता।"
- यद्यपि वार्ता पृष्ठ पर सुरक्षा के लिए प्रस्ताव रखना अच्छी बात है, परंतु हिन्दी विकी समाज छोटा होने के कारण वार्ता पृष्ठों पर रखने के बाद भी कई सदस्य प्रस्ताव से अवगत नहीं होंगे। इसलिए यदि सुरक्षा प्रस्ताव हेतु एक ही पृष्ठ हो तो सभी सदस्य एक ही पृष्ठ को अपनी ध्यानसूची में डाल सभी सुरक्षा प्रस्तावों पर अपने विचार प्रकट कर सकेंगे।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 17:40, 21 अगस्त 2011 (UTC)
- सिद्धार्थ, मैं वैभव के विचारों की तरफ हूँ। हम मुखपृष्ठ जैसे पन्नो को सुरक्षित न करने का जोखिम नहीं उठा सकते। इस निति मे "अधिक यातायात वाला पृष्ठ" से तात्पर्य ऐसे ही पन्नों से हैं। आपके पॉइंट से इस निति के एक कमी की तरफ सही इशारा हैं - अगर कोई पन्ना "सुरक्षित" किया जाता हैं, तो उसे असुरक्षित करने के लिए क्या निति हैं? क्या ऐसी निति की जरूरत हैं? -- मितुल (वार्ता) 06:00, 22 अगस्त 2011 (UTC)
- मितुल जी, मेरे विचार में असुरक्षित करने के बजाय सुरक्षित करते समय ही सुरक्षा कितने समय के लिए की जा सकती है, इसके लिए नीति होनी चाहिए। इससे केवल उन पृष्ठों को असुरक्षित करने की नीति का सवाल रह जाएगा जो अनिश्चितकालीन (indefinitely) सुरक्षित कर दिए गए हैं। बाकी पृष्ठ अपने-आप ही निर्धारित समय बाद असुरक्षित हो जायेंगे। अनिश्चितकालीन सुरक्षित पृष्ठों को विशेष:ProtectedPages का प्रयोग कर ढूँढा जा सकता है और इन्हें नीति-अनुसार एक single सुरक्षा/असुरक्षा अनुरोध पृष्ठ पर वार्ता के बाद असुरक्षित किया जा सकता है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 15:13, 22 अगस्त 2011 (UTC)
- सिद्धार्थ, मैं वैभव के विचारों की तरफ हूँ। हम मुखपृष्ठ जैसे पन्नो को सुरक्षित न करने का जोखिम नहीं उठा सकते। इस निति मे "अधिक यातायात वाला पृष्ठ" से तात्पर्य ऐसे ही पन्नों से हैं। आपके पॉइंट से इस निति के एक कमी की तरफ सही इशारा हैं - अगर कोई पन्ना "सुरक्षित" किया जाता हैं, तो उसे असुरक्षित करने के लिए क्या निति हैं? क्या ऐसी निति की जरूरत हैं? -- मितुल (वार्ता) 06:00, 22 अगस्त 2011 (UTC)
- मेरे विचार से अति-महत्वपूर्ण लेखों/पृष्ठों को अर्ध-सुरक्षित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त यह बात विवादित और विवादास्पद लेखों पर और भी अधिक लागू होती है। बहुत बार विवादास्पद लेखों पर सम्पादक अपनी विचारधारा के अनुरूप छोटे-छोटे परिवर्तन करते रहते हैं जो एकदम से पकड़ में नहीं आते। और इस सम्बन्ध में यह भी किया जा सकता है कि अति-महत्वपूर्ण पृष्ठों और विवादास्पद लेखों को सुरक्षित ना करके या अर्ध-सुरक्षित करके उनपर बिना खाता बनाए सम्पादन बन्द कर दिया जाए। यदि किसी लेख पर बहुत अधिक उत्पात किया जाता है तो उस लेख को उत्पात के आधार पर सम्पादनों के लिए बिल्कुल बन्द किया जा सकता है। जैसे किसी लेख पर उत्पात बहुत अधिक है या उत्पात कम है लेकिन बहुत विवादास्पद है तो बिल्कुल बन्द और कम उत्पात की स्थित में सीमित सम्पादनों के लिए खुला छोड़ा जा सकता है। रोहित रावत (वार्ता) 15:27, 21 अगस्त 2011 (UTC)