12वि सदी के अंत में और तेरहवी सदी के सुरुआत में झूसी स्टेट में कहा जाता है कि राजपूतो का राज्य हो गया था प्रतापगढ़ तब झूसी स्टेट मे आता था तब प्रताप गढ़ हुन्डोर राज्य में विलय था या कलान्तर में प्रताप गढ़ को अरोड़ नामक राज्य से सम्बोधित किया जाता था अरोड़ राज्य में 1627 मे एक राजा हुए थे प्रताप सिंह उन्ही के नाम से प्रतापगढ़ नाम पड़ा ग्राम चिल्लबिला प्रताप गढ़ में महाराजा बहला पासी (बेल्हा ) का राज्य था 1188 से 12वि सदी के अंत तक रहा महाराजा बहला पासी ( बेल्हा) पासी माता बेला देवी के भक्त थे कई लोग मानते है कि महाराजा बेला पासी का नाम माता बेला देवी के भक्त होने के कारण ही बहला पासी को लोग (बेल्हा) पासी कहने लगे अर्थात लोगो का मानना है कि आज जहाँ माता बेला देवी का मंदिर है वहाँ मूर्ति की स्थापना महाराजा बहला पासी ने की थी ने ही किया था मंदिर का निर्माण कराना चाहते थे लेकिन किसी कारण से महाराजा बहला पासी मंदिर का निर्माण न करा सके और मूर्ति ही स्थापित रही कहा जाता है काफी समय के बाद मंदिर का निर्माण राजपूतो ने कराया था महाराजा बहला पासी का किला आज के ग्राम चिल्लबिला प्रताप गढ़ मे टिल्ले के रूप मे देखा जा सकता Dileeppasi

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