विकिरण मापी ग्रहण
विकिरण मापी ग्रहण या रेडिओ ऑकल्टेशन Radio occultation (RO) एक सुदूर संवेदन तकनीक है जिसका इस्तेमाल किसी ग्रह के वायुमंडल या किसी ग्रह के बाहरी छल्लों (जैसे शनि ग्रह के छल्ले) के भौतिक व रासायनिक विशेषताओं को मापने के लिए किया जाता है।
वायुमंडलीय रेडिओ ग्रहण
संपादित करेंवायुमंडलीय रेडिओ ग्रहण किसी ग्रह के वायुमंडल से गुजर रहे या वायुमंडलीय अवरोध (ग्रहण) की वजह से विकिरण के रास्ते में हुए परिवर्तन के मापे जाने पर निर्भर करता है। जब विद्युतचुंबकीय विकिरण किसी वायुमण्डल से गुजरता है तो उसमें अपवर्तन होता है। इस अपवर्तन की मात्रा किरण के मार्ग के साक्षेप अपवर्तनीय झुकाव (gradient of refractivity) पर निर्भर करती है और यह अपवर्तनीय झुकाव माध्यम (यहाँ वायुमंडल) के घनत्व पर निर्भर करता है। यह प्रभाव तब सबसे ज्यादा होता है जब विकिरण को वायुमंडल की परिधि पर चलते हुए लंबा घुमावदार मार्ग तय करना पड़ता है। सीधे नीचे आने की बजाए ऐसे आने पर धरती तक आते आते उसे वायुमंडल की कई सारी परतों से गुजरना पड़ता है इसलिये उसमें अपवर्तन यानि रिफ़्रैक्शन भी ज्यादा होता है। विकिरण मापी आवृतियों के झुकाव का कोण सीधे पता नहीं किया जा सकता लेकिन इस झुकाव की मात्रा विकिरण के स्रोत और प्राप्तकर्ता के ज्यामितिय आंकणों के पता रहने पर उसके डॉप्लर विस्थापन के द्वारा की जा सकती है। अपवर्तन के झुकाव कोण से संबंध स्थापित करने वाले सूत्र पर एबल परिवर्तन लगाकर अपवर्तन सूचकांक से झुकाव का संबंध स्थापित किया जा सकता है। मौसम विज्ञान की गणनाओं में विकिरण मापी ग्रहण के आँकणों का प्रयोग करके आयनमंडल से नीचे के निष्पक्ष वायुमंडल के तापमान, वायुमंडलीय दाब, पानी व विभिन्न गैसों की मात्रा इत्यादि का पता लगाया जाता है।
उपग्रहीय मिशन
संपादित करेंइस तकनीक का इस्तेमाल करने वाले उपग्रहों के कुछ महत्वपूर्ण वर्तमान मिशन हैं-
पुराने मिशनों के लिए देखें What Links Here (अंग्रेज़ी में)
इन्हें भी देखें
संपादित करें- जीपीएस ग्रहण
- वायुमंडलीय छोर का ध्वन्यात्मक अध्धयनAtmospheric limb sounding (अंग्रेज़ी में)