विजईमऊ कोट
विजयईमऊ कोट(रियासत) विजयईमऊ कोट का इतिहास (१८००) विजईमऊ कोट के तालुकेदार लाल कन्हैैया बक्स सिंह थे। उनके दो पुत्र थे ज्येष्ठ पुत्र हनुमत सिंह अौर क्निष्ट पुत्र माधव सिंह थे। सन् 1857 में अंग्रेजो ने सुल्तानपुर पर हमला किया था। जिसके खौफ के कारण तत्कालीन लखनऊ की बेगम हजरत ने राजा हनुमत सिंह से मदद की गुहार लगाई। राजा हनुमत सिंह ने बेगम हजरत का पत्र पाते ही अपने पुत्र राजकुमार लाल प्रताप सिंह और अपने कनिष्ठ (भाई) सेनापति माघव सिंह को उनकी सहायता के लिए भेजा। सन् 1858 में राजकुमार लाल प्रताप सिंह और सेनापति माधव सिंह ने सुल्तानपुर के चांदा में अंग्रेजो से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। सेनापति माधव सिंह जी के दो पुत्र थे ज्येष्ठ पुत्र मोहबल सिंह अौर क्निष्ट पुत्र शिवदऱशन सिंह थे।
[[शिवदऱशन सिंह]] जी के चार पुत्र थे रमलला सिंह अौर दुसरे समशेर बहादुर सिंह अौर तीसरे काली प्रताप सिंह चौथे नरसिह बहादुर सिंह अौर दो पुत्री थी सुखपाल कुवर वा छतपाल कुवर थी। सुखपाल कुवर का जी का विवाह राजा प्रताप सिंह जी के बडे़ भाई के साथ हुआ था , जिनके कोई पुत्र नही थे। अौर दुसरे पुत्री का विवाह ग्वालियर राजघाराने मे हुआ था इनके भी कोई संन्तान नही थे। रमलला सिंह- रमलला सिंह जी के दो पुत्र थे। ज्येष्ठ पुत्र उदीतनारयण सिंह अौर क्निष्ट नरेश बहादुर सिंह थे। ज्येष्ठ पुत्र के एक पुत्र थे फतेबाहादुर सिंह अौर क्निष्ट पुत्र के तीन पुत्र थे अौर एक पुत्री थी। ज्येष्ठ पुत्र अमर बहादुर सिंह अौर दुसरे पुत्र अलखनारयण सिंह, तीसरे पुत्र देवनारयण सिंह थे। बाबू अमर बहादुर सिंह- अमर बहादुर सिंह जी के दो पुत्र अौर दो पुत्री ज्येष्ठ पुत्र बीरपाल सिंह अौर क्निष्ट पुत्र इंजीनिअर त्रिलोचन सिंह। ज्येष्ठ पुत्री चंदावती सिंह अौर क्निष्ट पुत्री मनोरमा देवी सिंह। बाबू बीरपाल सिंह जी के दो पुत्र। ज्येष्ठ पुत्र नरेन्र सिंह अौर क्निष्ट पुत्र भूपेन्र सिंह।
बाबू त्रिलोचन सिंह जी के दो पुत्र अौर दो पुत्री ज्येष्ठ पुत्र सयलेनदर सिंह अौर इंजीनिअर देवेन्र सिंह अौर ज्येष्ठ पुत्री अनिता सिंह अौर क्निष्ट पुत्री सुनिता सिंह। । ज्येष्ठ पुत्र सयलेनद्र प्रताप सिंह जी के दो पुत्र अौर एक पुत्री। ज्येष्ठ पुत्र सुसांत सिंह अौर क्निष्ट पुत्र प्रसांक सिंह अौर पुत्री कामनी सिंह ।
देवेन्द्र प्रताप सिंह जी के दो पुत्र ज्येष्ठ पुत्र शिवांस सिंह अौर क्निष्ट पुत्र अभिवांस सिंह है।
बाबू अलखनारयण सिंह - अलखनारयण सिंह जी के चार पुत्र अौर एक पुत्री। ज्येष्ठ पुत्र बेनी बहादुर सिंह अौर दुसरे पुत्र बीरेन्र बहादुर सिंह अौर तीसरे पुत्र बन्टेस बहादुर सिंह अौर चौथे पुत्र भदे्शवर सिंह। अौर एक पुत्री सवित्रि देवी।
ज्येष्ठ पुत्रबेनी बहादुर सिंह जी के चार पुत्र अौर तीन पुत्रीयॉ ज्येष्ठ पुत्र बाबू [[चनंदभान सिंह]] जी के एक पुत्री सरला सिंह। जिनका विवाह भारतीय सेना के अधिकारी से हुआ।
दुसरे पुत्र बाबू उमेश बहादुर सिंह का अल्प अायू मे ही स्वरगवास हो गया था। तीसरे पुत्र बाबू गीरेन्र बहादुर सिंह जी के एक पुत्र अौर दो पुत्री पुत्र [[प्रदीप सिंह]] अौर ज्येष्ठ पुत्री रेनु सिंह अौर क्निष्ट पुत्री नीलू सिंह।
[[प्रदीप सिंह]] जी के दो पुत्र ज्येष्ठ पुत्र प्रग्यात सिंह अौर क्निष्ट पुत्र विग्यात सिंह।
दुसरे पुत्र बाबू बीरेन्र बहादुर सिंह जी का अल्प अायू मे स्वरगवास हो गया था। तीसरे पुत्र बाबू बन्टेस बहादुर सिंह जी के एक पुत्री विमला देवी सिंह जी का विवाह रायबरेली हुआ। चौथे पुत्र बाबू भदे्शवर सिंह जी के दो पुत्र अौर एक पुत्री है। ज्येष्ठ पुत्र [[अतुल सिंह]] अौर क्निष्ट पुत्र [[विवेक सिंह]] अौर पुत्री विभा सिंह। ज्येष्ठ पुत्र के पुत्र के एक पुत्र अौर एक पुत्री। पुत्र अभिनव सिंह अौर पुत्री कुहू सिंह।