विजयसार (वानस्पतिक नाम: Pterocarpus marsupium) मध्य ऊँचाई से लेकर अधिक ऊँचाई वाला वृक्ष है। यह एक पर्णपाती वृक्ष है जिसकी ऊँचाई ३० मीटर तक हो सकती है। यह भारत, नेपाल और श्रीलंका का देशज है। भारत में यह पश्चिमी घाट तथा मध्य भारत के वनों में पैदा होता है। इसे वीजा साल, बीजा, मुर्गा लकड़ी, पैसार आदि नामों से भी जाना जाता है। इस वृक्ष के छाल को कुरेदने पर या काटने पर एक लाल रंग के तरल का स्राव होता है। यह स्राव रक्त की तरह गाढ़ा होता है। इस कारण से इसे बिल्डिंग ट्री भी कहते हैं।

विजयसार की पत्तियाँ

यह वृक्ष शाल के वृक्ष का एसोसिएट है। साल के वनों में यह छिटपुट उपस्थित रहता है। इस वृक्ष के प्योर पैच नहीं मिलते। साल मिसलेनियस फॉरेस्ट में अधिकांशतः जहां-तहां यह वृक्ष है पाया जाता है।

इस वृक्ष का मेडिसिनल वैल्यू भी है। इस वृक्ष का स्राव मधुमेह की बीमारी, या शुगर की बीमारी का उपचार है।

इस वृक्ष की लकड़ी से अच्छे फर्नीचर बनाए जाते हैं।

यह वृक्ष धीरे धीरे लुप्तप्राय होता जा रहा है।