विजया मुखोपाध्याय
विजया मुखोपाध्याय (११ मार्च १९३७) बांग्ला भाषा की प्रसिद्ध कवयित्री हैं। उनका जन्म बांग्लादेश के ढाका नगर में विक्रमपुर गाँव में हुआ था। आमार प्रभूर जन्म, यदि शर्तहीन, भेंगे जाय अनंत, बादाम, उड़ंत, नामाबलि, दांडाओ तर्जनी उनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं। एक संपूर्ण संकलन विजया मुखोपाध्यायेर श्रेष्ठ कविता भी प्रकाशित हुआ है। विश्व की अनेक भाषाओं में उनकी कविताओं का अनुवाद हुआ है।[1]