विटिलिगो (अंग्रेज़ी: Vitiligo) त्वचा की एक ऐसी विशेषता हैं जिसमे त्वचा का कुछ भाग अपना वर्णक (पिग्मेंट) खोने लगते हैं। यह अवस्था तब उत्पन होती हैं जब त्वचा के वर्णक कोशिकाएं मृत या कार्य करने में असमर्थ रहते हैं। विटिलिगो के होने के कारण अभी तक अज्ञात है। अनुसंधान से यह पता चला हैं की विटिलिगो के उत्पन्न होने के कारणों मे स्व-प्रतिरक्षित, आनुवंशिक, ऑक्साइडेटिव तनाव, तंत्रिका या वाईरल तनाव हो सकते हैं।[1] विटिलिगो को आम तौर पर दो मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है: सेगमेंट (खंड) और नॉन-सेगमेंट (खंड) विटिलिगो।

विटिलिगो सफ़ेद दाग
वर्गीकरण व बाहरी संसाधन
आईसीडी-१० L80.
आईसीडी- 709.01
ओ.एम.आई.एम 193200
रोग डाटाबेस 13965
मेडलाइन+ 000831
ई-मेडिसिन derm/453 
एमईएसएच D014820

ऑटो इम्यून बीमारियां जैसे एडिसन रोग, हाशिमोटो थायरोडिटिस, और टाइप 1 मधुमेह उनमे होने की ज़्यादातर संभावना होती हैं जिन्हे विटिलिगो है। विटिलिगो के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार के कई विकल्प उपलब्ध हैं जिसमे शामिल हैं सामयिक स्टेरॉयड, अवरोधकों कॅल्षाइन्रिन और फोटोथेरेपी।

वर्गीकरण संपादित करें

विटिलिगो के वर्गीकरण के प्रयास मे मतैक्य नहीं हैं एवं हाल मे हुई एक आम सहमति के आधार पर इसको दो भागों मे बाटा गया हैं कमानी विटिलिगो (एसवी) और गैर- कमानी विटिलिगो (एनएसवी। एनएसवी विटिलिगो के सबसे आम प्रकार है।[2][3]

नॉन सेगमेंट संपादित करें

नॉन सेगमेंट विटिलिगो (एनएसवी) में, आमतौर पर डिपिगमेंटेशन के धब्बों के स्थान में समरूपता दीखती हैं। नए पैच भी समय के साथ दिखाई देते हैं। नॉन सेगमेंट विटिलिगो (एनएसवी) किसी भी उम्र में हो सकता है, (सेगमेंट विटिलिगो के विपरीत जो किशोरावस्था में ज्यादा देखा जाता है।[4]

नॉन सेगमेंट विटिलिगो के निम्नलिखित प्रकार शामिल हैं:

  • सामान्यीकृत विटिलिगो: सबसे आम पैटर्न[5]
  • यूनिवर्सल विटिलिगो: डिपिगमेंटेशन शरीर के ज़्यादातर हिस्सों मे[5]
  • फोकल विटिलिगो: बच्चों में सबसे आम[5]
  • आक्रॉफ़सीयाल विटिलिगो: उंगलियों और पेरिओरीफिसीयाल क्षेत्रों मे [5]
  • श्लैष्मिक विटिलिगो: केवल श्लेष्मा झिल्ली की डिपिगमेंटेशन[5]

सेगमेंट संपादित करें

सेगमेंट विटिलिगो (एसवी) उपस्थिति, कारण और संबद्ध बीमारियों से प्रसार में अलग है। इसका उपचार एनएसवी से काफ़ी अलग है। एसवी का उपचार किया जा सकता है

कारण संपादित करें

विटिलिगो होने के कई कई धारणाएँ उपस्थित हैं जिनमे ये पता चलता हैं की प्रतिरक्षा प्रणाली में परिवर्तन की इसके होने के जिम्मेदार हैं।[2] [13]

प्रतिरक्षा संपादित करें

जीन में बदलाव जो प्रतिरक्षा प्रणाली या मेलनसिट्स के प्रकार का हिस्सा हैं इनको विटिलिगो के साथ संबद्ध किया गया है।[2] यह प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा त्वचा की मेलनो साइट्स पर हमला कर उन्हे नष्ट करने की वजह से भी होता हैं.

निदान संपादित करें

विभेदक निदान संपादित करें

इस प्रकार के अवस्थाओं के समान लक्षण मे निम्नलिखित शामिल हैं:

  • पित्यरियासिस अल्बा
  • गुलिकाभ कुष्ठ
  • पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपोपिगमेंटेशन
  • टिनिअ वेर्सिकोलोर[5]
  • एल्बीनिज़्म
  • पाई बालडिस्म[5]
  • प्राथमिक अधिवृक्क कमी

उपचार संपादित करें

विटिलिगो या सफ़ेद दाग का इलाज संभव है।[2]

फोटोथेरेपी संपादित करें

फोटोथेरेपी विटिलिगो के लिए एक दूसरी पंक्ति के इलाज माना जाता है।[2] यूवीबी दीपक से यूवीबी रोशनी को त्वचा के हिस्सों पर दिखाना विटिलिगो का सबसे आम उपचार है। उपचार एक घरेलू यूवीबी दीपक के साथ या एक क्लिनिक में घर पर किया जा सकता है। ये एक काफी सस्ता एवं सर्व सुलभ इलाज़ है।

सन्दर्भ संपादित करें

विटिलिगो का उपचार

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  3. "विटिलिगो". डॉबतुल .कॉम. मूल से 5 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २अगस्त२०१५. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  5. हलदर, आर. एम.; एट एल. (२००७). "विटिलिगो". प्रकाशित वोल्फ, के.; एट एल. (संपा॰). फिट्ज़पैट्रिक'स डर्मेटोलॉजी इन जेनेरल मेडिसिन (७थ संस्करण). न्यू यॉर्क: मक्ग्रॉ-हिल प्रोफेशनल. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ९७८-० ०७-१४६६९०-५ |isbn= के मान की जाँच करें: invalid character (मदद).