सर विट्ठलदास दामोदर ठाकरसी (30 नवंबर 1873 - 12 अगस्त 1922) बॉम्बे राज्य के एक व्यापारी थे। वे 1900 के दशक के दौरान इंपीरियल काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य रहे थे। [1] उन्होंने 1903 में कोलकाता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा आयोजित औद्योगिक सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।[2]

महर्षि कर्वे की दूरदर्शिता और सर विट्ठलदास ठाकरसी की पूर्वर्शिता के कारण भारत में प्रथम महिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। कर्वे के अग्रणी कार्य को मान्यता देते हुए, ठाकरसी ने उनकी मां नाथीबाई की स्मृति में 15 लाख रुपये का उदार योगदान दिया। 1920 में इस विश्वविद्यालय का नाम श्रीमती नाथीबाई दामोदर ठाकरसे महिला विश्वविद्यालय एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय रखा गया। [3] बिट्ठलदास को 1908 में ब्रिटिश सरकार द्वारा नाइट की उपाधि दी गई थी

उनकी मृत्यु के बाद, उनकी पत्नी प्रेमलीला ठाकरसी ने शिक्षा और परोपकार के क्षेत्र में उनके काम को आगे बढ़ाया। वह विशेष रूप से महिला शिक्षा के लिए समर्पित थीं और अंततः मुंबई में एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय की पहली कुलपति बनीं। लेडी प्रेमलीला ठाकरसे ने भी गृह विज्ञान में डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए उदारतापूर्वक दान देकर अपने पति के कार्य को जारी रखा। इस दान से 1959 में सर विट्ठलदास ठाकरसे कॉलेज ऑफ होम साइंस की शुरुआत हुई [4]

  1. Kaji, Hiralal Lallubhai (1934). Life and Speeches of Sir Vithaldas Thackersey. D. B. Taraporevala Sons & Co. LCCN 44038760. OCLC 16659105. अभिगमन तिथि 4 May 2019.
  2. Kelkar, N.C. (2001). नरसिंह िचंतामण केळकर – लोकमान्य टिळक यांचे चरित्र – उत्तरार्ध – खंड २ – भाग ४ – विभाग २० [Life And Times Of Lokmanya Tilak]. 2. Radha Publication. पपृ॰ Part 4, Section 20. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-8174872388.
  3. "History of SNDT". Shreemati Nathibai Damodar Thackersey Women's University. मूल से 25 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 जुलाई 2024.
  4. "Our Founders | Sir Vithaldas Thackersey College of Home Science, SNDT women's university, Mumbai". svt.edu.in. अभिगमन तिथि 2016-12-19.