विद्युत अभियान्त्रिकी

अभियांत्रिकी की शाखा जिसमें विद्युत के बारे में अध्यन होता है

विद्युत अभियान्त्रिकी विद्युत और विद्युतीय तरंग, उनके उपयोग और उनसे जुड़ी तमाम तकनीकी और विज्ञान का अध्ययन और कार्य है। प्रायः इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स भी शामिल रहता है। इसमे मुख्य रूप से विद्युत मशीनों की कार्य विधि एवं डिजाइन; विद्युत उर्जा का उत्पादन, संचरण, वितरण, उपयोग; पावर एलेक्ट्रानिक्स; नियन्त्रण तन्त्र; तथा एलेक्ट्रानिक्स का अध्ययन किया जाता है।

विद्युत अभियन्ता, वैद्युत-शक्ति-तन्त्र का डिजाइन करते हैं; और …
… जटिल एलेक्ट्रानिक तन्त्रों का डिजाइन भी करते हैं।
नियंत्रण तंत्र आधुनिक सभ्यता का अभिन्न अंग है। यह विद्युत अभियान्त्रिकी का भी प्रमुख विषय है।

विद्युत अभियांत्रिकी में ऐसे विद्युत उपकरणों की डिजाइन और निर्माण भी किया जाता है जो बिजली उत्पादन और उपयोग करने में सहायक होते है। इन उपकरणों के रखरखाव और संचालनकर्ता को विद्युत अभियांत्रिक या पावर इंजीनियर[1] कहा जाता है।

एक अलग व्यवसाय के रूप में वैद्युत अभियांत्रिकी का प्रादुर्भाव उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम भाग में हुआ जब विद्युत शक्ति का व्यावसायिक उपयोग होना आरम्भ हुआ। आजकल वैद्युत अभियांत्रिकी के अनेकों उपक्षेत्र हो गये हैं।

उप-विषय संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

  1. Saran, Bhanu (January 7, 2023). "विद्युत या पावर इंजीनियर कैसे बनें". Jobriyababa. मूल से 12 जनवरी 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जनवरी 2023.