विद्युत चाप भट्ठी
विद्युत चाप भट्ठी (Electric arc furnace) में विद्युत् चाप द्वारा उत्पन्न ऊष्मा का उपयोग किया जाता है। चाप दो इलेक्ट्रोडों के बीच उत्पन्न की जाती है, अथवा इलेक्ट्रोड एवं धान (charge) के बीच।
इन भट्ठियों में प्रतिरोध भट्ठियों की अपेक्षा अधिक ऊष्मा उत्पन्न जा सकती है। ये भट्ठियाँ मुख्यतया लौहिक धातुओं, अथवा उनकी मिश्रधातुओं को पिघलाने के लिए काम में आती हैं। इनका संभरण (supply) कम वोल्टता तथा अधिक धारा का होता है। अत:, इसे सामान्य संभरण से विशेष परिणामित्र (transformer) द्वारा प्राप्त किया जाता है। इलेक्ट्रोड, सामान्यत:, कार्बन के होते हैं, परंतु बहुत सी भट्ठियों में उपयुक्त धातु के भी बने होते हैं, जो चाप उत्पन्न होने पर धीरे धीरे स्वयं भी उपयुक्त हो जाते हैं। धारा प्रवाहित होने पर चाप द्वारा, इलेक्ट्रोड के सिरे धीरे-धीरे क्षत हो जाते हैं। इस प्रकार चाप की लंबाई बढ़ जाती है और चाप बुझ भी जा सकती हैं। अत:, इन भट्ठियों में एलेक्ट्रोडों को धीरे धीरे आगे बढ़ाने की व्यवस्था भी करती है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Recognition of first foundry as historical site
- Home made small scale arc furnace using a welder (Caution with experiments!)
- Electric Arc Furnace module at steeluniversity.org, including a fully interactive simulation
- Process models demonstrate the EAF operation and control (MPC)
- YouTube video of a small EAF in New Zealand