विनोद रैना
विनोद रैना (निधन 12 सितम्बर 2013) एक भारतीय शिक्षाविद् थे। वो प्रथम व्यक्ति थे जो शिक्षा का अधिकार विधेयक का मसौदा तैयार किया था।[1][2]
करियर
संपादित करेंविनोद रैना ने दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में पीएचडी की।[3] उन्होंने भारत में शिक्षा सुधारों पर काम करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।[4] वो भारत ज्ञान विज्ञान समिति की कार्यकारिणी समिति के सदस्य सहित अखिल भारतीय जनवादी विज्ञान नेटवर्क के सह संस्थापक में से एक थे।[5]
निधन
संपादित करेंचार वर्षों तक कैंसर से जूझने के बाद शिक्षाविद् विनोद रैना का 12 सितम्बर 2013 को निधन हो गया।[5][3]
पुरस्कार एवं सम्मान
संपादित करें- अध्येता - होमी भाभा
- अध्येता - नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय, नई दिल्ली
- मानद फैलो - भारतीय विज्ञान राइटर्स एसोसिएशन
- 2002 में एशिया नेतृत्व अध्येता, जापान (Asia Leadership Fellow, Japan)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Only 57 per cent children going to school: RTE Act report" [केवल ५७ प्रतिशत बच्चे विद्यालय जा रहे हैं: शिक्षा का अधिकार अधिनियम रपट] (अंग्रेज़ी में). इण्डिया टुडे. 4 अप्रैल 2011. अभिगमन तिथि 14 सितम्बर 2013.
- ↑ "In a first, women steal literacy lead over men" (अंग्रेज़ी में). हिन्दुस्तान टाइम्स. 31 मार्च 2011. मूल से 6 अप्रैल 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 सितम्बर 2013.
- ↑ अ आ डॉ॰ अमित सेनगुप्ता (13 सितम्बर 2013). "विनोद रैना: शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता". दिल्ली साइंस फ़ोरम. बीबीसी हिन्दी. मूल से 16 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 सितम्बर 2013.
- ↑ रणजीत देव राज (30 मार्च 2013). "Top down travails" (अंग्रेज़ी में). 14 सितम्बर 2013. मूल से 23 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 सितंबर 2013.
- ↑ अ आ "Vinod Raina". एचबीएसई, टीआयएफआर. मूल से 23 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 सितम्बर 2013. सन्दर्भ त्रुटि:
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