विरासत-ए-खालसा
आनंदपुर साहिब में स्थित एक संग्रहालय
विरासत-ए-खालसा सिख धर्म का एक संग्रहालय है, जो भारत के पंजाब राज्य की राजधानी चंडीगढ़ के पास पवित्र शहर आनंदपुर साहिब में स्थित है। संग्रहालय सिख इतिहास के 500 साल और खालसा के जन्म की 300 वीं वर्षगांठ के जश्न मे बनया गया, दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा लिखित शास्त्रों के आधार पर। यह पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। इसके परिणामस्वरूप इमारत के वातावरण में धर्म और उभरती हुई जरूरतों के बीच परामर्श होता है। एक ओर यह स्थानीय लोगों द्वारा विरासत की भावना को पोषित करने साथ-साथ हाथ के शिल्प को बढ़ावा देता है, दूसरी ओर यह मौजूदा शहरीवाद के विशाल हस्तक्षेप से अनन्तता को याद करता है जो दृश्यमान शहरीवाद से उत्पन्न दुविधा की एक अवस्था है। [1]
स्थापित | 13 अप्रैल 1999 |
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अवस्थिति | आनंदपुर साहिब |
निर्देशांक | 31°13′55″N 76°30′09″E / 31.23194°N 76.50250°Eनिर्देशांक: 31°13′55″N 76°30′09″E / 31.23194°N 76.50250°E |
प्रकार | सिख संग्रहालय |
Architect | Moshe Safdie |
स्वामी | पंजाब सरकार |
निकटतम कार पार्किंग | Open |
जालस्थल | http://virasat-e-khalsa.net/ |
चित्र
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सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Sharma V.C., Vimal S. (2017) Religion Interacts with New Urbanism Holistic City Anandpur Sahib. In: Seta F., Biswas A., Khare A., Sen J. (eds) Understanding Built Environment. Springer Transactions in Civil and Environmental Engineering. Springer, Singapore