विरूपाक्ष द्वितीय एक अयोग्य शासक था। उसके कालक्रम में उड़ीसा के शासक कपिलेश्वर गजपति ने विजयनगर के अनेक तटवर्ती प्रदेशों पर अपना अधिकार कर लिया।