विशेषज्ञ प्रणाली

मानव विशेषज्ञ की निर्णय लेने की क्षमता का अनुकरण करने वाला कंप्यूटर सिस्टम

कृत्रिम बुद्धि के सन्दर्भ में, विशेषज्ञ प्रणाली या विशेषज्ञ तन्त्र (expert system) उस कम्प्यूटर प्रणाली (या सॉफ्टवेयर) को कहते हैं जो किसी विशेषज्ञ मानव के निर्णय लेने की क्षमता जैसी क्षमता का प्रदर्शन करता है। विशेषज्ञ प्रणालियाँ जटिल समस्याओं को हल करने के लिए डिजाइन की गयी होतीं हैं और इसके लिए एक ज्ञान-भण्डार और मुख्यतः 'यदि-तो स्टेटमेन्ट' के सहारे तर्क करते हुए प्रोग्राम बनाया जाता है (न कि परम्परागत 'विधि-सम्बन्धी' (प्रोसीजरल) कोड के द्वारा) । १९७० के दशक में पहले पहल इस तरह की प्रणालियाँ निर्मित की गयीं थीं। विशेषज्ञ प्रणालियाँ ही सबसे पहली सफल कृत्रिम बुद्धि वाले सॉफ्टवेयरों बने। (कृत्रिम बुद्धि सॉफ्तवेयर अन्य प्रकार से भी बनए जाते हैं।)

किसी विशेषज्ञ प्रणाली के मुख्यतः दो भाग होते हैं- ज्ञान-भण्डार (नॉलेज बेस) तथा उससे निष्कर्ष निकालने वाला 'इंजन' (जिसे 'shell' कहते हैं)। ज्ञान-भण्डार के अन्तर्गत तथ्य और नियम आते हैं।

एक विशेषज्ञ प्रणाली को दो उपप्रणाली में विभाजित किया जाता है: अनुमान इंजन और ज्ञान आधार। ज्ञान आधार तथ्यों और नियमों का प्रतिनिधित्व करता है। अनुमान इंजन नए तथ्यों को कम करने के लिए ज्ञात तथ्यों के नियम लागू करता है। अनुमान इंजन में स्पष्टीकरण और डिबगिंग क्षमताएँ भी शामिल हो सकती हैं।[1]

विशेषज्ञ तंत्र के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-

  • (१) विशेषज्ञ तंत्र वस्तुतः एक सॉफ्टवेयर है। अतः इसे कोई भी अपने पास रख सकता है। इसको असंख्य लोग एक साथ या जब चाहें उपयोग कर सकते हैं। एक ही व्यक्ति सैकड़ों विशेषज्ञ तंत्र का स्वामी हो सकता है। उदाहरण के लिए किसी किसान के पास गेहूँ का विशेषज्ञ तंत्र, गन्ने का विशेषज्ञ तंत्र, पशु-रोगों का विशेषज्ञ तंत्र, मानव को लगने वाले सामान्य रोगों का विशेषज्ञ तंत्र, बालकों की शिक्षा सम्बन्धी मार्गदर्शन का विशेषज्ञ तंत्र, ट्रैक्टर की देखरेख और रिपेयरिंग का विशेषज्ञ तंत्र, फुड-प्रोसेसिंग का विशेषज्ञ तंत्र, आदि हो सकते हैं।
  • (२) लोग किसी मानव विशेषज्ञ से कुछ निजी बातें बताने में शर्माते या हिचकिचाते हैं। किन्तु विशेषज्य तंत्र को सब कुछ सही-सही बता सकते हैं। उदाहरण के लिए, मानव डॉक्टर से शर्म के मारे या डांट-फटकार के डर से लोग कुछ-कुछ छिपा लेते हैं। सॉफ्टवेयर के साथ ऐसा नहीं होगा।
  • (३) एक बार किसी मानव विशेषज्ञ न अपने ज्ञान को एक विशेषज्ञ तंत्र का रूप दे दिया, वह ज्ञान सदा के लिए सुरक्षित हो गया। इतना ही नहीं, इसमें दूसरे लोग आसानी से परिवर्तन और परिवर्धन भी कर सकते हैं। आगे यह बेहतर होता जाएगा।
  • (४) विशेषज्ञ तंत्र का उपयोग नए लोगों को किसी जटिल चीज का प्रशिक्षण देने के लिए लगाया जा सकता है।
  • (५) विशेषज्ञता के प्रत्येक क्षेत्र में कुछ आंकडे, सूचना आदि होते हैं जिनको याद रखना बहुत कठिन होता है। किन्तु ऐसी सामग्री या आंकड़े को विशेषज्ञ तंत्र आसानी से उपयोग कर लेगा। इतना ही नहीं, कुछ गणनाएँ बहुत लम्बी या मानव के लिए खुद करना बहुत कठिन होतीं हैं। विशेषज्ञ तंत्र के लिए ऐसी गणनाएँ करना भी आसान काम है।
  • (६) जहाँ तक विशेषज्ञ तंत्र के निर्माण की बात है, इसे टुकड़ों-टुकड़ों में बनाया जा सकता है। जरूरी नहीं कि सब कुछ पहली बार में ही डाल दिया जाय। उदाहरण के लिए कोई आँख का डॉक्टर यदि आँख के रोगों के निदान (diagnostic) और चिकित्सा के लिए एक विशेषज्ञ तंत्र बनाता है तो पहले आँख के तीन-चार मुख्य रोगों को उसमें रख सकता है। बाकी लक्षणों के लिए कह सकता है कि "आपकी समस्या समझ में नहीं आयी, किसी मानक विशेषज्ञ को दिखाइए"। बाद में समय मिलने पर बहुत से अन्य लक्षणों को भी उस विशेषज्ञ तंत्र में जोड़ देगा।
  • (७) विशेषज्ञ तंत्र दो भागों में होने से सुविधा होती है। एक ही 'शेल' के साथ जितने भी ज्ञान-आधार बानाकर चलाए जा सकते हैं। एक नए विशेषज्ञ तंत्र के लिए एक नया ज्ञान-आधार बनाना पड़ता है।
  • (८) विशेषज्ञ तंत्र, दूसरे विशेषज्ञों को अधिक तेजी से या अधिक दक्षता से काम करने में सहायक होता है; प्रशिक्षुओं को अधिक व्यवस्थित और तर्कसंगत ढंग से काम करने में मदद करता है; और नवसिखुओं को काम को आरम्भ करने में मदद कर सकता है।

उपयोग के क्षेत्र

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वैसे तो हर क्षेत्र में विशेषज्ञ तंत्र का निर्माण और उपयोग किया जा सकता है, किन्तु निम्नलिख क्षेत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं-

  • (१) मानव के सामान्य रोगों का निदान और चिकित्सा
  • (२) मानव के विशिष्ट रोगों की चिकित्सा का विशेषज्ञ (जैसे त्वचा के रोगों का विशेषज्ञ, या रति रोगों का विशेषज्ञ, मानसिक रोगों के निदान और चिकित्सा का विशेषज्ञ तंत्र)
  • (३) पशुओं के रोग और उनकी चिकित्सा/रोकथाम का विशेषज्ञ
  • (४) पौधों के रोगों का विशेषज्ञ
  • (५) कृषि फसलों (धान, गन्ना, गेहूँ, सरसों आदि) के विशेषज्ञ
  • (६) कम्प्यूटर की समस्या का निदान करने वाला विशेषज्ञ
  • (७) कार की देखरेख और समस्या-निदान का विशेषज्ञ
  • (८) समाजशास्त्री सामाजिक समस्याओं के निदान और चिकित्सा का विशेषज्ञ तंत्र निर्मित कर सकते हैं।
  • (९) एक नए इंजीनियरिंग छात्र द्वारा स्थापना के लिए उदोग का चुनाव और उसकी स्थापना का विशेषज्ञ
  • (१०) विभिन्न आयु-वर्ग या कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए आगे की शिक्षा और रोजगार के चुनाव का विशेषज्ञ तंत्र
  • (११) किसी बच्चे या विद्यार्थी की शैक्षणिक समस्या का निदान करने वाला विशेषज्ञ तंत्र
  • (१२) राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन से सम्बन्धित विशेषज्ञ तंत्र
  • (१३) किसी आपातकाल (इमर्जेन्सी) में क्या-क्या कैसे-कैसे करने हैं, इसका विशेषज्ञ तंत्र (जैसे किसी विषैली औद्योगिक गैस के रिसाव के समय)
  • (१४) सैन्य अभियान विशेषज्ञ तंत्र
  • (१५) आतंकरोधी विशेषज्ञ तंत्र
  • (१६) कानूनी परामर्श विशेषज्ञ (जैसे कोई ऐसा तंत्र जो इस क्षेत्र से बिलकुल अनजान लोगों को सलाह दे कि किस किस तरह से रिपोर्ट लिखानी है, कौन से धारा इसमें लागू होती है, इससे सम्बन्धित कौन-कौन से नजीर हैं आदि)

हयेश-रोथ (Hayes-Roth) ने विशेषज्ञ अनुप्रयोगों को १० श्रेणियों में विभाजित किया है जो नीचे की सारणी में दर्शायी गयीं हैं। [2] लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इनके अलावा अन्य श्रेणियाँ नहीं हो सकतीं।

श्रेणी किस समस्या के समाधान के लिए उदाहरण
व्याख्या/निर्वचन (Interpretation) संसूचकों (sensors) से प्राप्त आंकड़ों से परिस्थितियों का अनुमान Hearsay (वाक् पहचानना), PROSPECTOR
पूर्वानुमान/पूर्वकथन (Prediction) वर्तमान स्थितियों को देखते हुए सम्भावित परिणाम का अनुमान Preterm Birth Risk Assessment[3]
निदान (Diagnosis) Inferring system malfunctions from observables CADUCEUS, MYCIN, PUFF, Mistral,[4] Eydenet,[5] Kaleidos[6]
अभिकल्प (Design) Configuring objects under constraints Dendral, Mortgage Loan Advisor, R1 (DEC VAX Configuration), SID (DEC VAX 9000 CPU)
आयोजना (Planning) Designing actions Mission Planning for Autonomous Underwater Vehicle[7]
अनुवीक्षण (Monitoring) Comparing observations to plan vulnerabilities REACTOR[8]
दोषमार्जन (Debugging) Providing incremental solutions for complex problems SAINT, MATHLAB, MACSYMA
मरम्मत (Repair) Executing a plan to administer a prescribed remedy Toxic Spill Crisis Management
अनुदेश (Instruction) Diagnosing, assessing, and correcting student behaviour SMH.PAL,[9] Intelligent Clinical Training,[10] STEAMER[11]
नियंत्रण (Control) Interpreting, predicting, repairing, and monitoring system behaviors Real Time Process Control,[12] Space Shuttle Mission Control[13]
  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 सितंबर 2018.
  2. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Hayes-Roth 1983 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  3. Woolery, L.K.; Grzymala-Busse, J (1994). "Machine learning for an expert system to predict preterm birth risk". Journal of the American Medical Informatics Association. 1 (6): 439–446. PMID 7850569. डीओआइ:10.1136/jamia.1994.95153433. पी॰एम॰सी॰ 116227.
  4. Salvaneschi, Paolo; Cadei, Mauro; Lazzari, Marco (1996). "Applying AI to structural safety monitoring and evaluation". IEEE Expert. 11 (4): 24–34. डीओआइ:10.1109/64.511774. अभिगमन तिथि 5 March 2014.
  5. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Eydenet नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  6. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Kaleidos नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  7. Kwak, S.. H. (1990). "A mission planning expert system for an autonomous underwater vehicle". Proceedings of the 1990 Symposium on Autonomous Underwater Vehicle Technology: 123–128. S2CID 60476847. डीओआइ:10.1109/AUV.1990.110446.
  8. Nelson, W. R. (1982). "REACTOR: An Expert System for Diagnosis and Treatment of Nuclear Reactors". Cite journal requires |journal= (मदद)
  9. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; smhpal नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  10. Haddawy, P; Suebnukarn, S. (2010). "Intelligent Clinical Training Systems". Methods Inf Med. 49 (4): 388–9. CiteSeerX 10.1.1.172.60. PMID 20686730. डीओआइ:10.1055/s-0038-1625342.
  11. Hollan, J.; Hutchins, E.; Weitzman, L. (1984). "STEAMER: An interactive inspectable simulation-based training system". AI Magazine.
  12. Stanley, G.M. (July 15–17, 1991). "Experience Using Knowledge-Based Reasoning in Real Time Process Control" (PDF). Plenary Paper Presented at: International Federation of Automatic Control (IFAC) Symposium on Compute R Aided Design in Control Systems. अभिगमन तिथि 3 December 2013.
  13. Rasmussen, Arthur; Muratore, John F.; Heindel, Troy A. (February 1990). "The INCO Expert System Project: CLIPS in Shuttle mission control". NTRS. अभिगमन तिथि 30 November 2013.

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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