द्वयाधारी संख्या पद्धति: अवतरण इतिहास

नीचे सूचीबद्ध कोई भी अवतरण देखने के लिए उसकी तारीख पर क्लिक करें। अवतरणों के बीच अंतर देखने के लिये उनके आगे दिये गए रेडियो बॉक्स पर क्लिक करें, तथा एन्टर करें अथवा नीचे दिये हुए बटन पर क्लिक करें।

लिजेंड: (सद्य) = वर्तमान अवतरण और उस अवतरण के बीच में अंतर, (पिछला) = उस अवतरण और उससे पिछले अवतरण के बीच में अंतर, छो = छोटा परिवर्तन

(सबसे नया | सबसे पुराना) देखें (नए 50) () (20 | 50 | 100 | 250 | 500)

23 जून 2023

23 फ़रवरी 2023

15 अगस्त 2022

17 जुलाई 2022

11 जून 2022

9 जनवरी 2021

15 जून 2020

16 मार्च 2020

2 मार्च 2020

16 जनवरी 2020

  • सद्यपिछला 13:1813:18, 16 जनवरी 2020Hrishikesh Brahmachari वार्ता योगदान 13,565 बाइट्स +1,690 →‎इतिहास: सबसे पूर्व इस द्वयाधारी पद्धति का वर्णन वेदों में ही प्राप्त होता है । वहाँ भगवान गणेश का एक नाम दिया है "एकदन्त" जिसका अर्थ होता है; एक अर्थात् 1 या माया और दन्त का अर्थ है शून्य(0) या ब्रह्म (god) । एकदन्त अर्थात् शून्य और एक पर आधारित गणितीय विधि । किन्तु वेदों के प्राचीन विद्वानों ने इसे *द्वयंकपद्धति* के नाम से व्यवहार किया था । गोवर्द्धन-मठ पुरीपीठ के 143वें श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी भरती कृष्ण तीर्थ जी महाराज ने अपनी पुस्तक वैदिक गणित में द्वयंकपद्धति के नाम से इसका... पूर्ववत करें टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

21 अप्रैल 2018

2 फ़रवरी 2017

16 मार्च 2015

3 सितंबर 2014

14 दिसम्बर 2013

17 मार्च 2013

12 मार्च 2013

14 फ़रवरी 2013

5 जनवरी 2013

3 जनवरी 2013

20 दिसम्बर 2012

18 दिसम्बर 2012

5 अक्टूबर 2012

3 सितंबर 2012

7 अगस्त 2012

2 जुलाई 2012

1 जनवरी 2012

4 दिसम्बर 2011

8 नवम्बर 2011

6 अगस्त 2011

31 जुलाई 2011

20 जुलाई 2011

16 जून 2011

(सबसे नया | सबसे पुराना) देखें (नए 50) () (20 | 50 | 100 | 250 | 500)