मदालसा: अवतरण इतिहास

नीचे सूचीबद्ध कोई भी अवतरण देखने के लिए उसकी तारीख पर क्लिक करें। अवतरणों के बीच अंतर देखने के लिये उनके आगे दिये गए रेडियो बॉक्स पर क्लिक करें, तथा एन्टर करें अथवा नीचे दिये हुए बटन पर क्लिक करें।

लिजेंड: (सद्य) = वर्तमान अवतरण और उस अवतरण के बीच में अंतर, (पिछला) = उस अवतरण और उससे पिछले अवतरण के बीच में अंतर, छो = छोटा परिवर्तन

22 जुलाई 2023

  • सद्यपिछला 03:2003:20, 22 जुलाई 2023Shivamdwivedi78 वार्ता योगदान 7,078 बाइट्स +1,253 सामग्री जोड़ी *मदालसा ज्ञानी थी। उसने अपने सभी पुत्रों को भी ज्ञानी बना दिया। अपने बच्चों को पालने में झुलाते समय वह गाया करती थी : “शुद्धोऽसि बुद्धोऽसि निरंजनोऽसि संसारमायापरिवर्जितोऽसि - हे वत्स, तुम विशुद्ध हो, बुद्ध हो, निरंजन तथा जन्म-मरण के बन्धनों से मुक्त हो ।” बच्चे माता के दुग्ध के साथ-साथ वेदान्त की इस शिक्षा को भी आत्मसात् कर समय आने पर सन्त हो गये । सभी नारियों को मदालसा के पदचिह्नों का अनुसरण करते हुए अपनी सन्तान को सत्य तथा न्याय के मार्ग के अनुगमन के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।* पूर्ववत करें टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

11 जून 2022

5 जुलाई 2021

15 जून 2020

25 नवम्बर 2018

29 जनवरी 2015

9 सितंबर 2014

26 जून 2014

17 जून 2014

2 दिसम्बर 2012

7 अगस्त 2010

20 जुलाई 2010

23 जनवरी 2007

10 नवम्बर 2006