महामाया मंदिर,रतनपुर,बिलासपुर: अवतरण इतिहास

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29 मार्च 2023

4 दिसम्बर 2022

  • सद्यपिछला 14:3914:39, 4 दिसम्बर 2022रोहित साव27 वार्ता योगदान 6,075 बाइट्स −5 /* आदि भवानी महामाया देवी भगवान बुद्ध की माता है इनके पिता का नाम सुप्रबुद्ध है ये कपिलवस्तु की महाराजा शुद्धोधन की महारानी थी इन्हें ही धन की देवी कहते है प्राचीन समय से ही सम्पूर्ण भारत मे इनकी पूजा होती है फसल जब घर पर किसान लाकर भण्डार कर लेते थे तब धन की इस खुशी मे दीपक जलाते थे वही आज दिवाली है किवंदती अनुसार महामाया के मृत शरीर के कई टुकरे या मृत राख या मिट्टी पूरे भारत मे लोग ले जाकर जहां रखे वही स्थल आज का मंदिर है महामाया की पूजा यूपी के दलित अति प्राचीन समय से करते आ रहे है हाथ... पूर्ववत करें
  • सद्यपिछला 14:3914:39, 4 दिसम्बर 2022रोहित साव27 वार्ता योगदानछो 6,080 बाइट्स +342 2409:4081:9D03:E58C:74C9:A274:22A4:3AB0 (Talk) के संपादनों को हटाकर Aviram7 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया पूर्ववत करें टैग: वापस लिया

2 दिसम्बर 2022

  • सद्यपिछला 16:2116:21, 2 दिसम्बर 20222409:4081:9d03:e58c:74c9:a274:22a4:3ab0 वार्ता 5,738 बाइट्स −342 /* आदि भवानी महामाया देवी प्राचीन समय से ही सम्पूर्ण भारत मे इनकी पूजा होती है फसल जब घर पर किसान लाकर भण्डार कर लेते थे तब धन की इस खुशी मे दीपक जलाते थे वही आज दिवाली है किवंदती अनुसार महामाया के मृत शरीर के कई टुकरे या मृत राख या मिट्टी पूरे भारत मे लोग ले जाकर जहां रखे वही स्थल आज का मंदिर है महामाया की पूजा यूपी के दलित अति प्राचीन समय से करते आ रहे है हाथी की मूर्ति (महामाया के गर्भ का प्रातीक है),सफेद कमल पुष्प (कोईया फूल)भगवान के जन्म का प्रतीक है धार ,पूडी लप्सी,चुनरी, गुडहल फूल,दीपक... पूर्ववत करें टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • सद्यपिछला 16:1716:17, 2 दिसम्बर 2022Aviram7 वार्ता योगदानछो 6,080 बाइट्स +355 Reverted 1 edit by 2409:4081:9D03:E58C:74C9:A274:22A4:3AB0 (talk) to last revision by संजीव कुमार(GlobalMobileTwinkle) पूर्ववत करें टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
  • सद्यपिछला 16:1716:17, 2 दिसम्बर 20222409:4081:9d03:e58c:74c9:a274:22a4:3ab0 वार्ता 5,725 बाइट्स −355 /* आदि भवानी महामाया प्राचीन समय से ही सम्पूर्ण भारत मे इनकी पूजा होती है फसल जब घर पर किसान लाकर भण्डार कर लेते थे तब धन की इस खुशी मे दीपक जलाते थे वही आज दिवाली है किवंदती अनुसार महामाया के मृत शरीर के कई टुकरे या मृत राख या मिट्टी पूरे भारत मे लोग ले जाकर जहां रखे वही स्थल आज का मंदिर है महामाया की पूजा यूपी के दलित अति प्राचीन समय से करते आ रहे है हाथी की मूर्ति (महामाया के गर्भ का प्रातीक है),सफेद कमल पुष्प (कोईया फूल)भगवान के जन्म का प्रतीक है धार ,पूडी लप्सी,चुनरी, गुडहल फूल,दीपक और उ... पूर्ववत करें टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

24 अगस्त 2022

23 नवम्बर 2020

4 मार्च 2020

30 अक्टूबर 2019

21 जुलाई 2017

31 जनवरी 2016

24 सितंबर 2009