4 मार्च 2021
श्रीमान् गम्भीर
Restored last stable version by SM7
−932
115.98.206.28
सम्पादन सारांश नहीं है
−421
115.98.206.28
सम्पादन सारांश नहीं है
−479
115.98.206.28
सम्पादन सारांश नहीं है
−668
22 अप्रैल 2020
करन सिंह
→इन्हें भी देखें
+1,568
करन सिंह
हरीयाना में कबुली झाड़ीया १९९५ के दशक में बाड़ के समय आई और अचानक इतनी ज्यादा फैल गई जिस प्रकार जम्मु कश्मीर में कबुली लोग व सेना आगई किसी व्यक्ति ने कहा दिया कि जिस प्रकार काबुली लोगों कि संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी इसी प्रकार यहां भी पहाड़ी किकर (किकर हरीयाना में झाड़ीयों को कहते हैं।) संख्या बढ़ती जा रही थी इस लिए इन्हें कबुली किकर बोलने लगे....
+932
23 अगस्त 2019
SM7
2409:4043:248a:1f31:8266:9f6f:375b:9c8 के परिवर्तनों को वापस लिया (संजीव कुमार) के संस्करण के लिए।
−7
2409:4043:248a:1f31:8266:9f6f:375b:9c8
→इन्हें भी देखें
+7
27 सितंबर 2018
संजीव कुमार
{{स्रोतहीन}} जोड़े (ट्विंकल)
छो+58
संजीव कुमार
HotCat द्वारा श्रेणी:अन्तःवस्त्र जोड़ी
छो+57
संजीव कुमार
HotCat द्वारा श्रेणी:वस्त्र हटाई; श्रेणी:भारतीय पोशाक जोड़ी
छो+16
13 सितंबर 2018
Prong$31
1.187.88.155 (Talk) के संपादनों को हटाकर J ansari के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
छो+115
1.187.88.155
→इन्हें भी देखें
−115
3 फ़रवरी 2018
J ansari
2405:205:1489:1860:0:0:2899:98AC (वार्ता) द्वारा किए बदलाव 3699523 को पूर्ववत किया
−193
2405:205:1489:1860::2899:98ac
अर्थात अगर हर बच्चा लंगोट पहनता है ये पूरे विश्व के लिए बड़े गर्व की बात है
+193
23 अगस्त 2015
हिंदुस्थान वासी
150.107.43.95 (Talk) के संपादनों को हटाकर Orbot1 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
छो−236
150.107.43.95
सम्पादन सारांश नहीं है
+236