वट सावित्री: अवतरण इतिहास

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30 अक्टूबर 2023

29 अक्टूबर 2023

16 अक्टूबर 2023

12 अक्टूबर 2023

  • सद्यपिछला 18:5718:57, 12 अक्टूबर 2023Amitendu girdonia वार्ता योगदान 11,022 बाइट्स −522 हिन्दू धर्म के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी हटाई। वट सावित्री व्रत एक्सीडेंटली जंगल शिकार आदि में निकले लोगों द्वारा रचित फालतू की प्रथा नहीं है। वृष संक्रांति या वृष एकादशी को सभी स्त्री पुरुष व्रत उपवास रहते हैं। तीन दिन वट सावित्री स्नान कहा जाता है। ज्येष्ठ अमावस्या को निकटतम पवित्र जलाशय में स्नान करते हैं। कृतिका के 3 चरण पूर्ण होते ही नौतपा आरंभ हो जाते हैं। रोहणी में निर्जला एकादशी से पुनः तीन दिवस वट सावित्री व्रत होता है। उत्तरायन निवासी बैलहाई और दक्षिणायन निर्जला वट सावित्री व्रत करते हैं। पूर्ववत करें टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन
  • सद्यपिछला 17:0217:02, 12 अक्टूबर 2023Amitendu girdonia वार्ता योगदान 11,544 बाइट्स +304 विभिन्न देशों में ज्यादातर विवाह संबंधों में ज्यादा स्थायित्व नहीं पाया जाता है। इसका सीधा दुष्परिणाम बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास पर पड़ता है। स्त्री पुरुष परस्पर दाम्पत्य निर्वाह करने के लिए विवेकपूर्ण बनें इसके लिए स्त्रियाँ वट सावित्री और पुरुष माल बाबा की पूजा करते हैं। पूर्ववत करें टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन
  • सद्यपिछला 16:3116:31, 12 अक्टूबर 2023Amitendu girdonia वार्ता योगदान 11,240 बाइट्स +71 भ्रामक जानकारी में सुधार किया। गरीब स्त्री को दान करने का विधान किसी पूजा विधि में नहीं है। भगवान् के भजन में सब बराबर हैं। स्वेच्छा से कर सकते हैं। गरीब स्त्री क्या करे फिर लेखक ये भी बताए? क्योंकि अव्वल तो सुहाग सामग्री चढ़ाना ही कोई विशेष अनिवार्य नहीं है। सिर्फ हल्दी, रोली, सिंदूर या कुमकुम हल्दी- चावल एक एक चुटकी कच्चे सूत और एक लोटा जल से पूजा का विधान है। इसके अलावा चाहें तो अन्य सामग्री चढ़ा सकते हैं। पूर्ववत करें टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन
  • सद्यपिछला 16:1716:17, 12 अक्टूबर 2023Amitendu girdonia वार्ता योगदान 11,169 बाइट्स −997 अनुचित दृष्टिकोण तर्क सम्मान नहीं पूर्ववत करें टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन

11 अक्टूबर 2023

10 अक्टूबर 2023

9 अक्टूबर 2023

  • सद्यपिछला 18:3718:37, 9 अक्टूबर 2023Amitendu girdonia वार्ता योगदान 17,289 बाइट्स +5,123 दार्शनिकता मनगढंत नहीं होती है वह तार्किकता और वैज्ञानिक प्रमाण मांगती है। जैसे पूर्व में लिख दिया गया है कि वटवृक्ष के नीचे बुद्ध को बोधि की प्राप्ति हुई वह गलत लिखा गया है। बुद्ध को संबोधि पीपल के वृक्ष के नीचे मिली। परंतु वे पीपल के नीचे साधना करने गए क्यों? यह रहस्य उद्घाटन आवश्यक है। पूर्ववत करें टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन

19 मई 2023

28 मई 2022

23 दिसम्बर 2021

11 जुलाई 2021

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