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== इतिहास == भारत के उत्तरप्रदेश राज्य में रायबरेली जिले का एक ऐतिहासिक क़स्बा। रायबरेली से लगभग 32 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। शियों के सबसे बड़े आलिमे दीन जनाब हज़रत ग़ुफ़रान माब दिलदार अली नसीराबादी इसी क़स्बे से ताल्लुक़ रखते हैं। पुराने काग़जात व मज़ामीन से ज़ाहिर होता है कि आबादी क़स्बा नसीराबाद को 872 साल गुज़रे हैं। ये सन् 440 में बसा था। यहां की तामीरी मस्जिद ताड़ की मस्जिद मशहूर है। इसकी तारीख़े तामीर मुक़ाम इब्राहीम है। नसीराबाद का नाम पहले पटाकपुर था। जिसको सय्यद ज़करिया ने फ़तह किया और इसका नाम अपने जद्दे आला नसीरुद्दीन के नाम पर नसीराबाद रखा। वो वहां की मिलकियात पर क़ाबिज़ व दख़ील हुये और बग़ैर किसी दूसरे की शिरकत के अपनी औलाद के क़ब्ज़े व तसर्रुफ़ में छोड़ा। पटाकपुर उस ज़माने में एक क़रिया था। उस वक़्त हिन्दोस्तान में बहलोल लोदी बरसरे हुकूमत था और पूरा नक़वी ख़ानदान नसीराबाद में बालाए क़ला रिहाइश पज़ीर था। उसी दौरान शेरशाह सूरी के दादा इब्राहीम खा़न हिन्दोस्तान आये। इब्राहीम ख़ान का ताल्लुक़ उन पठानों की नस्ल से था जो सूरी कहलाते थे। ये पठान नस्ल सुलेमान घाटी के आस पास 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रौज़ा) * सय्यद मीरान (जद्दे आला मोहल्ला बंगला) == शिक्षा == आंकड़ों के अनुसार कस्बे का साक्षरता प्रतिशत औसतन 40% है। गांव में 48% पुरुष और 30% महिलायें साक्षर हैं। यहां एक सरकारी प्राइमरी पाठशाला, एक सरकारी जूनियर हाइस्कूल (बालक) और एक कन्या जूनियर हाइस्कूल है। इसके अलावा कुछ जूनियर हाइ स्कूल का जो कि 2018 में नाम बदल कर कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय पड़ गया अभी तक गैर सरकारी विद्यालय भी चल रहे हैं। == यातायात == यहां बस के ज़रिये सीधे पहुंचा जा सकता है। जबकि नज़दीकी रेलवे स्टेशन छः किलोमीटर दूर जायस के नज़दीक क़ासिमपुर है। जहां से सड़क मार्ग के ज़रिये नसीराबाद पहुंचा जा सकता है। रेलवे स्टेशन से क़स्बे तक जाने के लिये टैम्पो और तांगे के ज़रिये पहुंच सकते हैं। == इन्हें भी देखें == * [[रायबरेली ज़िला]] == सन्दर्भ == {{टिप्पणीसूची}} [[श्रेणी:रायबरेली ज़िला]] [[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के गाँव]] [[श्रेणी:रायबरेली ज़िले के गाँव]]'
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'@@ -25,6 +25,5 @@ }} नसीराबाद (Nasirabad) [[भारत]] के [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[रायबरेली ज़िले]] में स्थित एक गाँव है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=qzUqk7TWF4wC Uttar Pradesh in Statistics]," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716</ref> - -<ref>"[https://books.google.com/books?id=S46rbUL6GrMC Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20170423083533/https://books.google.com/books?id=S46rbUL6GrMC|date=23 अप्रैल 2017}}," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975</ref>इस गांव में सभी '''ब्राम्हण''' है। इस गांव को निहाली दुबे जी ने बसाया है उन्हीं के नाम पर इस गांव का नाम '''निहाली दुबे''' रखा गया। यह गांव आलमपुर ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आता है। + '
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