अक्स

2001 की राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फ़िल्म

अक्स 2001 में बनी हिन्दी भाषा की अलौकिक शैली की रोमांचकारी फिल्म है। मुख्य भूमिका में अमिताभ बच्चन, रवीना टंडन और मनोज वाजपेयी हैं जबकि इसका निर्देशन राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया है।[1] हालांकि फिल्म ने आलोचनात्मक प्रशंसा पाई, लेकिन यह बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन करने में नाकाम रही। अमिताभ को उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए अपना पहला फिल्मफेयर आलोचक पुरस्कार मिला।

अक्स

अक्स का पोस्टर
निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा
लेखक रेंसिल डी'सिल्वा राकेश
ओमप्रकाश मेहरा
कमलेश पांडे
निर्माता अमिताभ बच्चन
झामू सुगंध
अभिनेता अमिताभ बच्चन,
रवीना टंडन,
मनोज बाजपेयी,
नन्दिता दास
संगीतकार अनु मलिक
रंजीत बैरोट
प्रदर्शन तिथियाँ
13 जुलाई, 2001
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

अक्स एक शिकारी और उसकी शिकार की कहानी है। एक पुलिस और एक हत्यारा। अक्स मनु वर्मा और राघवन की कहानी है। कहानी बुडापेस्ट के केन्द्र में शुरू होती है। भारतीय रक्षा मंत्री नियमित रूप वाली विदेश यात्रा पर हैं। उन्होंने सुरक्षा के प्रमुख मनु वर्मा को अपने राजनयिक यात्रा के बारे में असली जानकारी दी। वो एक फ्लॉपी के बारे में सूचित करते हुए बताते हैं कि उसमें मूल्यवान जानकारी है जो देश की नियति को प्रभावित कर सकती है। दूसरी तरफ खुफिया सूत्रों ने मनु वर्मा को बताया है कि एक हत्यारा को रक्षा मंत्री को खत्म करने के लिए भुगतान किया गया है। छायादार व्यक्ति को राघवन कहा जाता है। मनु वर्मा भारतीय रक्षा मंत्री तक पहुंचते हैं, लेकिन बचाने के लिए बहुत देर हो चुकी होती है और राजनेता का कत्ल कर दिया जाता है। राघवन गायब हो गया। अब शिकारी शिकार हो जाता है क्योंकि मनु वर्मा राघवन को खोजने की कोशिश करता है।

मनु की जांच के परिणामस्वरूप राघवन को गिरफ्तारी के बाद दोषी पाया गया और फाँसी की सजा सुनाई गई। भागवत गीता से उद्धत करते हुए राघवन फांसी चढ़ा दिया जाता है, और मनु अपनी नौकरी, अपनी पत्नी और उनकी छोटी बेटी के पास लौट आया है। फिर न्यायमूर्ति बलवंत चौधरी उसी तरह मारे गए जैसे राघवन जीवित था जब वे मारे गए था। पुलिस को कुछ पता चले उससे पहले, एक और मौत हो जाती है। इस बार इंस्पेक्टर अर्जुन निश्चित है कि हत्याएं एक ऐसे व्यक्ति द्वारा की जा रही है जो राघवन की नकल कर रहा है। इन हत्याओं के साक्ष्य अर्जुन को इंस्पेक्टर मनु वर्मा के पास ले जाते हैं।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत गुलज़ार द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक और रंजीत बैरोट द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."ये रात जली की छिपकली की"अनुपमा6:06
2."रात आती है चली जाती है"शुभा मुद्गल6:20
3."आजा गुफाओं में आ"वसुंधरा दास, केके5:23
4."हम भूल गए है रख के" (पुरुष)हरिहरन5:23
5."बंदा ये बिंदास है"केके3:36
6."भला बुरा"अमिताभ बच्चन3:47
7."हम भूल गए है रख के" (महिला)के॰ एस॰ चित्रा 5:09
8."रामलीला"अमिताभ बच्चन, नन्दिता दास, कविता मुन्द्रा5:20
9."रब्बा रब्बा रब्बा रब्बा"वसुंधरा दास, सुखविंदर सिंह4:51
कुल अवधि:45:55

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "इस डायरेक्टर के कहने पर अमिताभ ने रखी फ्रेंच दाढ़ी, जानिए ऐसे 5 किस्से". दैनिक भास्कर. 11 अक्तूबर 2017. मूल से 12 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 नवम्बर 2018.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें