अडालज की बावड़ी (गुजराती : अडालजनी वाव) एक सीढ़ीदार कुँआ (बावड़ी) है जो गुजरात के अडालज नामक गाँव में है। दूर-दराज से बड़ी संख्या में लोग इस कुएं को देखने आते रहते हैं। वास्तव में यह एक बड़े भवन के रूप में निर्मित है। भारत में इस तरह के कई सीढ़ीनुमा कूप हैं।

अडालज की बावड़ी का कुएँ वाला भाग

अडालज गाँव गांधीनगर जिले के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और गांधीनगर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है। अहमदाबाद से इसकी दूरी 18 किमी है। यह छोटा सा गाँव प्राचीन काल में 'दांडई देश' नाम से जाना जाता था। यह पहली मंज़िल पर लगे संमरमर के पत्थर पर संस्कृत में लिखे आलेख से मालूम होता है कि इसे १४९९ में रानी रुदाबाई ने अपने पति की याद में बनवाया था.वह राजा वीरसींह की पत्नी थीं.

यह वाव पाँच मंज़िला है और अष्टभुजाकार बना हुआ है। वास्तुकला का नायाब नमूना यह ढाँचा १६ स्तंभों पर खड़ा है। सूरज की रोशनी सीधा दीवारों पर सिर्फ़ थोड़े समय के लिए ही पड़ती है इसीलिए बाहर से भीतर का तापमान ६ डिग्री कम रहता है # Adalaj ki vav Jaya prakar ki he.

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