अर्णोराज चौहान ( ( सुनें) /ˈərnrɑːjə xɔːhɑːnə/) (संस्कृत: अर्णोराज चौहान, अंग्रेज़ी: Arnoraj Chauhan) शैवमतानुयायी थे। येे शाकम्बरी के राजपूत चौहान राजवंश के राजा थे। नल, आवेल्लदेव, आनाक इत्यादि नामान्तरणो से भी प्रसिद्धि थी। अर्णोराज द्वारा पुष्कर का सुप्रसिद्ध वराहमन्दिर निर्मित किया गया। 1137 ई में आनासागर झील का निर्माण करवाया। अर्णोराज ने गुजरात के चालुक्य नरेश सिद्धराज जयसिंह को पराजित किया व उनकी पुत्री कांचन देवी से विवाह किया। अर्णोराज आबू के निकट चालुक्य नरेश कुमारपाल से पराजित हुआ। हेमचंद्र सूरि की पराशक्ति से वशीभूत होकर अर्णोराज का ज्येष्ठपुत्र जगद्देव ने अपने पिता की हत्या कर दी थी। उसने स्वयं राजरूप में सिंहासन पर आधिपत्य किया। परन्तु अर्णोराज का द्वितीय पुत्र ने विग्रहराज ने जगद्देव को पराजित किया। एवं विग्रहराज का आधिपत्य में समादलक्ष-प्रदेश का सम्पूर्ण राज्य अन्तर्निहित हुआ। विग्रहराज ने अपने पिता के अपमान का वैरोद्धार भी किया था।अर्णोराज के दरवार में प्रसिद्ध विद्वान देबबोध व धर्मघोष थे।

अर्णोराज चौहान
जीवनसंगीसुधवा और कांचनदेवी
पिताअजयराज
मातासोमल्लदेवी ।राज्याभिषेक = 1133 ई.
धर्महिन्दुधर्म