आन (रूसी सम्राज्ञी)

1730 से 1740 तक रूस की महारानी रेगेंट

आन्ना (रूसी: Анна) (7 फ़रवरी 1693 – 28 अक्टूबर 1740) ; रूस की सम्राज्ञी, महान्‌ पीटर के भाई ईवान पंचम की पुत्री।

रूसी सम्राज्ञी आन

परिचय संपादित करें

मास्को के निकटस्थ इसमाइलोर्वा में मां के पास प्राचीन रीति रस्मों के बीच बचपन उपेक्षा और घृणा में बीता। बाद में पीटर ने इसकी संरक्षता ग्रहण की। १७१० में कूरलैंड के ड्यूक फ्रेडरिक विलियम से विवाह हुआ लेकिन पति लेनिनग्राद से घर जाते हुए रास्ते में मर गया। विधवा आन को कूरलैंड की शासिका बनाकर वहाँ रहने के लिए बाध्य किया गया। काउंट पीटर वेस्ट टूवे रूसी रेजीडेंट बनाया गया। यह इसके प्रेमियों में से एक था। बाद में वीरेन रेजीडेंट नियुक्त किया गया। पीटर द्वितीय के मरने पर आन रूस की साम्राज्ञी हुई (३० जनवरी १७३०)।

२६ फ़रवरी को आन ने मास्को में प्रवेश किया। ९ मार्च को राज्य में विप्लव हुआ और प्रिवी कौंसिल (सरदार परिषद्) का अंत कर उसने अपने को 'ऑटोक्राट' घोषित कर दिया।

आन वासना और क्रूरता की पुतली थी। हजारों को फाँसी दी गई और हजारों साइबेरिया को निर्वासित कर दिए गए। बौनों को दरबार में रखा और बागों और उद्यानों में हर किस्म के जानवर रखे, जिनपर राजमहल की खिड़की से यह गोली चलाती थी। लेकिन सरदारों पर से एक-एक करके प्रतिबंध उठ गए। 'कोर ऑव पाजेज़' की स्थापना की गई, जिसमें सरदारों तथा सामंतों के लड़के साधारण लोगों से पृथक्‌ उच्च सैनिक शिक्षा पाते थे। सैनिक सेवा की अवधि भी आजन्म की जगह २५ वर्ष कर दी गई।

किंतु विदेशी संबंधों में आन को सफलता मिली और रूस की प्रतिष्ठा भी बढ़ी। क्रीमिया युद्ध (१७३६-३९) साढ़े चार साल चला और अजोन शहर लेकर ही संतोष करना पड़ा, पर इससे उस्मानी साम्राज्य की अजेयता का विश्वास लुप्त हो गया। तातार लुटेरों का अंत हो गया। 'स्टेंपे' में सफलता मिलने से रूस की प्रतिष्ठा बढ़ी और इसके कारण यूरोप के मामले में रूस की बात ध्यान से सुनी जाने लगी।

२८ अक्टूबर १७४० को इसकी मृत्यु हुई। इससे पहले इसने अपने चचेरे भाई इवान षष्ठ को अपना उत्तराधिकारी बनाया और वोरेन को उसका रीजेंट नियुक्त किया।