इडली का स्त्रोत भारत देश- सूजी की इडली रेसिपी को पुरे भारत में ही नहीं बल्कि हर जगह पसंद किया जाता है।

इडली एक पूर्वी और दक्षिण भारतीय व्यंजन Archived 2022-09-07 at the वेबैक मशीन है। यह श्वेत रंग की कोमल और गुदगुदी, २-३ इंच के व्यास की होती है। यह चावल और उड़द की धुली दाल भिगो कर पीसे हुए, किण्वनित करके बनाये हुए घोल से भाप में पकाई जाती है। किण्वन उठने के कारण बड़े स्टार्च अणु छोटे अणुओं में टूट जाते हैं, व पाचन क्रिया को सरल बनाते हैं।

प्रायः उपाहार में परोसी जाने वाली इडली को जोड़े में नारियल की चटनी और सांभर के संग परोसा जाता है।

इतिहास संपादित करें

इडली का दक्षिण भारतीय खानपान में लम्बा इतिहास है। इसका उल्लेख शिवकोटि आचार्य के कन्नड़ प्रलेख में ९२० में मिलता है,[1] और पता चलता है, कि यह व्यञ्जन केवल उड़द दाल के पिसे घोल के किण्वन से ही बनता था। चवुंदराय-द्वितीय, प्राचीनतम कन्नड़ विश्वकोष लोकोप्कार के रचयिता सं.१०२५ में वर्णन करते हैं: इडली बनाने की विधी। काली उड़द दाल को छाछ में भिगोने के उपरान्त, महीन पीस लें और उसमें दही का स्वच्छ पानी और मिला लें। फिर उसे भाप में पका लें।[2] कन्नड़ राजा एवं ज्ञानी सोमेश्वर तृतीय वर्तमान कर्नाटक में राज्य करता था। उसने भी अपने बनाए विश्वकोष में इडली को स्थान दिया है। यह कोष उसने मानसोल्लास नाम से ११३० ई० में बनाया था। इसमें चावल को मिलाने का कोई ज्ञात इतिहास सत्रहवीं शताब्दी तक नहीं मिलता है। फिर खोजा गया होगा, कि चावल मिलाने से किण्वन की प्रक्रिया गति पकड़ती है। पर तब के बताए कुछ समाग्री अंश परिवर्त गए हैं, फिर भी पाक विधि वही है।[तथ्य वांछित].


पाक विधि संपादित करें

 
इडली के घोल को किण्वन के उपरांत सांचों में बने गड्ढों में डाल कर उच्च दबाव या भाप में पकाया जाता है।

दाल चावल की इडली बनाने के लिये, दाल चावल को भिगो कर पीस कर मिश्रण तैयार करना होगा और उस मिश्रण को फरमैन्ट भी करना होगा, इडली अच्छी तरह से स्पंजी तभी बनेगी जब मिश्रण अच्छी तरह से फरमैन्ट हुआ होगा, इसलिये सबसे पहले मिश्रण तैयार करना होगा। अगर रविवार को इडली बनाना चाहते हैं, तब गरम प्रदेश में रहने वालों को शनिवार की सुबह ही दाल भिगो देनी चाहिये होगी, लेकिन ठंडे प्रदेश में रहने वालों को शुक्रवार की सुबह ही दाल भिगो देनी पड़ेगी, क्यों कि ठंड में फरमैन्टेशन देर से होता है।

आवश्यक सामग्री संपादित करें

  • चावल - 3 कप
  • उरद की धुली दाल - 1 कप
  • बेकिंग सोडा - 1/2 छोटी चम्मच
  • नमक - स्वादानुसार
  • तेल - इडली स्टैन्ड को चिकना करने के लिये

विधि संपादित करें

उरद की दाल और चावल को साफ कीजिये, धोइये और अलग अलग 4 घंटे या रात भर के लिये पानी में भिगो दीजिये. उरद दाल से अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये और कम पानी का प्रयोग करते हुये एक दम बारीक पीस लीजिये, चावल से भी अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये और कम पानी का प्रयोग करते हुये थोड़ा सा मोटा पीसिये, दोनौं को मिलाइये तथा इतना गाढ़ा घोल तैयार कीजिये कि चमचे से गिराने पर एक दम धार के रूप में नही गिरना चाहिये.

मिश्रण को किण्वित (फरमैन्ट) करने के लिये स्वादानुसार नमक ओर बेकिंग सोडा डालकर, ढककर गरम जगह पर 12-14 घंटे के लिये रख दीजिये, फरमेन्ट किया हुआ मिश्रण पहले की अपेक्षा दोगुना हो जाता है। इडली बनाने के लिये मिश्रण तैयार है।

इडली बनाइये संपादित करें

मिश्रण को चमचे से चलाइये, यदि बहुत अधिक गाढ़ा लग रहा है तो थोड़ा पानी मिला लीजिये. यदि आपके पास इडली बनाने का परम्परिक बर्तन है तो बहुत ही अच्छा है।. नहीं तो आप इडली मेकर और प्रेशर कुकर मैं भी इडली बना सकते हैं। मैं भी इडली प्रेशर कुकर में ही बनाती हूं.

प्रेशर कुकर में 2 छोटे गिलास पानी (500 ग्राम पानी) डालकर गरम करने के लिये गैस पर रखिये. इडली स्टैन्ड निकालिये साफ कीजिये, इडली के खानों में तेल लगाकर चिकना कीजिये. चमचे से इडली स्टैन्ड के खानों में बराबर बराबर मिश्रण भरिये, सारे खाने भर कर इन्हैं इडली स्टैन्ड में लगा लीजिये. इडली पकने के लिये स्टैन्ड को कुकर में रखिये. कुकर का ढक्कन बन्द कर दीजिये, ढक्कन के ऊपर सीटी मत लगाइये.

तेज गैस फ्लेम पर 9-10 मिनिट तक इडली पकने दीजिये. गैस बन्द कर दीजिये इडलियां पक गयीं हैं। प्रेशर कुकर खोलिये, इडली स्टैन्ड निकालिये, खांचे अलग कीजिये, ठंडा कीजिये और चाकू की सहायता से इडली निकाल कर प्लेट में लगाइये. लीजिये इडलियां तैयार हैं,

गरमा गरम इडली गरमा गरम सांबर और नारियल की चटनी और मूंगफली की चटनी के साथ परोसिये।

चित्र दीर्घा संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "History of Dosa and Idli". मूल से 26 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 अप्रैल 2009.
  2. Farnworth (2003), p. 11.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें