उत्पीड़न (Persecution) किसी व्यक्ति या समुदाय के साथ किसी अन्य व्यक्ति या समुदाय द्वारा किया गया नियोजित व हानिकारक दुर्व्यवहार होता है। यह दुर्व्यवहार जाति, धर्म, नस्ल, लिंग, राजनीति या अन्य किसी आधार पर हो सकता है।[1]

१३वीं शताब्दी में यमन में श्यामरंगी अफ़्रीकी लोग ज़बरदस्ती दासों के रूप में बिकते हुए। यमन में दासप्रथा सन् १९६२ में जाकर ही बंद हुई।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. S. Rempell, Defining Persecution, http://ssrn.com/abstract=1941006