उदगमंडलम

ऊटी (उधगमंडलम), दक्षिण भारत में तमिलनाडु राज्य का एक हिल स्टेशन है
(उदगमंदलम से अनुप्रेषित)

उदगमंडलम (Udagamandalam), पहले ऊटी (Ooty) के नाम से जाना जाता था, भारत के तमिल नाडु राज्य के नीलगिरि जिले में स्थित एक नगर है।[1][2] कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा के समीप बसा यह शहर मुख्य रूप से एक हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है। कोयंबतूर यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा है। सड़को द्वारा यह तमिलनाडु और कर्नाटक के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा है परंतु यहाँ आने के लिये कन्नूर से रेलगाड़ी या ट्वाय ट्रेन किया जाता है। ऊटी समुद्र तल से लगभग 7440 फीट (2268 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है।[3]

उदगमंडलम
உதகமண்டலம்
ऊटी
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उदगमंडलम का एक दृश्य
उदगमंडलम का एक दृश्य
उदगमंडलम is located in तमिलनाडु
उदगमंडलम
उदगमंडलम
तमिल नाडु में स्थिति
निर्देशांक: 11°25′N 76°42′E / 11.41°N 76.70°E / 11.41; 76.70निर्देशांक: 11°25′N 76°42′E / 11.41°N 76.70°E / 11.41; 76.70
देश भारत
प्रांततमिल नाडु
जिलानीलगिरि जिला
ऊँचाई2240 मी (7,350 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल88,430
भाषा
 • प्रचलिततमिल
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिनकोड643 001
दूरभाष कोड91423
वाहन पंजीकरणTN-43

इतिहास संपादित करें

नीलगिरि चेर साम्राज्य का भाग हुआ करते थे। फिर वे गंगा साम्राज्य के हाथों में चले गये और फिर 12वीं शताब्दी में होयसल साम्राज्य के राजा विष्णुवर्धन के राज्य में आ गये। उस के बाद नीलगिरि मैसूर राज्य का हिस्सा बन गये जिस के टीपू सुलतान ने उन्हें 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों के हवाले कर दिया।[4]

पड़ोसी कोयम्बटूर जिले के गवर्नर, जॉन सुलिवान को यहाँ की आबो-हवा बहुत पसंद आने लगी और उसने स्थानीय जातियों (टोडा, इरुंबा और बदागा) से जमीन खरीदनी शुरु कर दी। नीलगिरि पर सातवाहन, गंगास, कदंब, राष्ट्रकूट, होयसला, विजयनगर साम्राज्य और उम्मतूर के राजाओं (मैसूरु के वोड्यार ) जैसे विभिन्न राजवंशों का शासन था।[5][6][7][8][9] टीपू सुल्तान ने अठारहवीं शताब्दी में नीलगिरी पर कब्जा कर लिया और एक छिपी हुई गुफा जैसी संरचना का निर्माण कर सीमा का विस्तार किया।[10]

[11]

भूगोल संपादित करें

उदगमंडलम में कोपेन जलवायु वर्गीकरण के तहत एक उपोष्णकटिबंधीय उच्चभूमि जलवायु है।[12] उष्णकटिबंधीय में इसके स्थान के बावजूद, अधिकांश दक्षिण भारत के विपरीत, ऊटी में आम तौर पर पूरे वर्ष हल्का वातावरण होता हैं। हालांकि, जनवरी और फरवरी के महीनों में रात का समय आमतौर पर ठंडा होता है। आम तौर पर, शहर में वसंत के मौसम बना रहता है।

ऊटी (उदगमंडलम) के जलवायु आँकड़ें
माह जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितम्बर अक्टूबर नवम्बर दिसम्बर वर्ष
औसत उच्च तापमान °C (°F) 20.3
(68.5)
20.9
(69.6)
22.2
(72)
22.6
(72.7)
22.0
(71.6)
18.3
(64.9)
16.9
(62.4)
17.4
(63.3)
18.4
(65.1)
18.8
(65.8)
18.7
(65.7)
19.7
(67.5)
19.68
(67.43)
दैनिक माध्य तापमान °C (°F) 12.4
(54.3)
13.6
(56.5)
15.2
(59.4)
16.3
(61.3)
16.6
(61.9)
14.8
(58.6)
14.1
(57.4)
14.4
(57.9)
14.4
(57.9)
14.6
(58.3)
13.7
(56.7)
12.9
(55.2)
14.42
(57.95)
औसत निम्न तापमान °C (°F) 5.6
(42.1)
6.5
(43.7)
8.8
(47.8)
10.7
(51.3)
11.4
(52.5)
11.2
(52.2)
11.0
(51.8)
10.9
(51.6)
10.4
(50.7)
10.1
(50.2)
8.6
(47.5)
6.7
(44.1)
9.33
(48.79)
औसत वर्षा मिमी (inches) 20.5
(0.807)
10.2
(0.402)
25.8
(1.016)
75.4
(2.969)
147.5
(5.807)
136.7
(5.382)
181.1
(7.13)
123.7
(4.87)
134.9
(5.311)
189.2
(7.449)
139.9
(5.508)
52.8
(2.079)
1,237.7
(48.73)
औसत वर्षाकाल 1 1 2 5 8 8 10 9 9 11 7 4 75
माध्य दैनिक धूप के घण्टे 8 8 8 8 7 4 4 4 5 5 6 7 6.2
स्रोत #1: भारतीय मौसम विभाग(1901-2000)[13]
स्रोत #2: Climate-Data.org औसत तापमान के लिए, ऊंचाई: 2214 मीटर,[12] धूप और बारिश के दिनों के लिए Weather2Travel[14]

पर्यटन उद्योग संपादित करें

नीलगिरि या नीले पर्वतों की पर्वतमाला में बसा हुआ उदगमंडलम प्रति वर्ष बड़ी संख्या में पर्यटको को आकर्षित करता है। सर्दियों के अलावा यहाँ साल भर मौसम सुहाना ही बना रहता है। सर्दी के समय तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। पर आज ये शहर अधिकाधिक औद्योगिकीकरण और पर्यावरण संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है।

घनी वनस्पति, चाय के बागान और नीलगिरि के पेड़ यहाँ के पहाड़ों की विशेषता है। यहाँ कि प्राकृतिक सुंदरता बनाये रखने के लिये पहाड़ों के कई हिस्सों को आरक्षित वन का दर्जा प्रदान किया गया है। इस कारण से शिविर क्षेत्र से बाहर शिविर लगाने के लिये खास अनुमति लेनी पड़ती है। ऊटी एक बिंदू की तरह पर्यटकों को आकर्षित करता है और फिर वे आसपास भी भ्रमण करते हैं।

इन्ही पहाड़ो में दूसरे छोटे शहर जैसे कुन्नू‍र और कोटागिरी भी हैं। ये शहर उदगमंडलम से सिर्फ कुछ ही घंटों की दूरी पर हैं और इन का मौसम भी उदगमंडलम जैसा ही है पर यहाँ कम पर्यटक है और दाम भी सस्ते हैं।

स्थानीय अर्थव्यवस्था संपादित करें

उदगमंडलम जिला मुख्यालय भी है। ऐसे तो यहाँ की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही टिकी है, उदगमंडलम आसपास के शहरों के लिये भी बाजार का काम करता है। अर्थव्यवस्था मूलतः कृषि पर निर्भर है। ठंडे मौसम की वजह से यहाँ "अंग्रेजी सब्जियाँ" जैसे आलू, गाजर और गोभी उगाई जाती हैं। उदगमंडलम म्यूनिसिपल बाजार में रोजाना इन सब्जियों की नीलामी होती है।

ऊटी में घूमने की जगह संपादित करें

तमिलनाडु राज्य के नीलगिरी जिले में स्थित ऊटी शहर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जो अपनी खूबसूरत वादियों, प्राकृतिक सौंदर्य, हरे भरे बगीचों, और सुंदर हिल स्टेशन के रूप में मशहूर है। यहां के चाय के बागान, नेशनल पार्क, और आकर्षक मौटन व्यूज से पर्यटकों को प्रभावित करने का दर्शन है।

ऊटी को नवविवाहित जोड़ों के लिए एक आकर्षक हनीमून डेस्टिनेशन भी माना जाता है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचकारी वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। ऊटी को ब्रिटिश काल के चर्च और खाने-पीने की व्यवस्था के लिए भी याद किया जाता है, जो इसे अधिक आकर्षक बनाते हैं।

यहां आपको चाय के बागान और विशेष रूप से बनी चॉकलेट और बेकरी आइटम्स की दुकानें भी मिलेंगी, जो इस इलाके के अंग्रेजी प्रभाव को दिखाती हैं। ऊटी ने ब्रिटिश काल से ही अपने प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन के लिए अपनी पहचान बनाई है।

वनस्पति उद्यान संपादित करें

 
वनस्पति उद्यान

इस वनस्पति उद्यान की स्थापना 1847 में की गई थी। 22 हेक्टेयर में फैले इस खूबसूरत बाग की देखरेख बागवानी विभाग करता है। यहाँ एक पेड़ के जीवाश्म संभाल कर रखे गए हैं जिसके बारे में माना जाता है कि यह 2 करोड़ वर्ष पुराना है। इसके अलावा यहाँ पेड़-पौधों की 650 से ज्यादा प्रजातियाँ देखने को मिलती है। प्रकृति प्रेमियों के बीच यह उद्यान बहुत लोकप्रिय है। मई के महीने में यहाँ ग्रीष्मोत्सव मनाया जाता है। इस महोत्सव में फूलों की प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें स्थानीय प्रसिद्ध कलाकार भाग लेते हैं।

उदगमंडलम झील संपादित करें

 
ऊटी झील

इस झील का निर्माण यहाँ के पहले कलेक्टर जॉन सुविलिअन ने 1825 में करवाया था। यह झील 2.5 किलोमीटर लंबी है। यहाँ आने वाले पर्यटक बोटिंग और मछली पकड़ने का आनंद ले सकते हैं। मछलियों के लिए चारा खरीदने से पहले आपके पास मछली पकड़ने की अनुमति होनी चाहिए। यहाँ एक बगीचा और जेट्टी भी है। इन्हीं विशेषताओं के कारण प्रतिवर्ष 12 लाख दर्शक यहाँ आते हैं।

बोटिंग का समय: सुबह 8 बजे-शाम 6 बजे तक

डोडाबेट्टा चोटी संपादित करें

यह चोटी समुद्र तल से 2623 मीटर ऊपर है। यह जिले की सबसे ऊँची चोटी मानी जाती है। यह चोटी उदगमंडलम से केवल 10 किलोमीटर दूर है इसलिए यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है। यहाँ से घाटी का नजारा अदभूत दिखाई पड़ता है। लोगों का कहना है कि जब मौसम साफ होता है तब यहाँ से दूर के इलाके भी दिखाई देते हैं जिनमें कायंबटूर के मैदानी इलाके भी शामिल हैं।

आसपास दर्शनीय स्थल संपादित करें

मदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य संपादित करें

यह वन्यजीव अभयारण्य उदगमंडलम से 67 किलोमीटर दूर है। यहाँ पर वनस्पति और जंतुओं की कुछ दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं और कई लुप्तप्राय: जानवरों भी यहाँ पाए जाते है। हाथी, सांभर, चीतल, हिरन आसानी से देखे जा सकते हैं। जानवरों के अलावा यहाँ रंगबिरंगे पक्षी भी उड़ते हुए दिखाई देते हैं। अभयारण्य में ही बना थेप्पाक्कडु हाथी कैंप बच्चों को बहुत लुभाता है।

कोटागिरी संपादित करें

यह पर्वतीय स्थान उदगमंडलम से 28 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। नीलगिरि के तीन हिल स्टेशनों में से यह सबसे पुराना है। यह उदगमंडलम और कुन्नूर के समान प्रसिद्ध नहीं है। लेकिन यह माना जाता है कि इन दोनों की अपेक्षा कोटागिरी का मौसम ज्यादा सुहावना होता है। यहाँ बहुत ही सुंदर हिल रिजॉर्ट है जहाँ चाय के बहुत खूबसूरत बागान हैं। हिल स्टेशन की सभी खूबियाँ यहाँ मौजूद लगती हैं। यहाँ की यात्रा आपको निराश नहीं करेगी।

कलहट्टी जलप्रपात संपादित करें

कलपट्टी के किनारे स्थित यह झरना 100 फीट ऊँचा है। यह जलप्रपात ऊटी से केवल 13 किलोमीटर की दूरी पर है इसलिए ऊटी आने वाले पर्यटक यहाँ की सुंदरता को देखने भी आते हैं। झरने के अलावा कलहट्टी-मसिनागुडी की ढलानों पर जानवरों की अनेक प्रजातियाँ भी देखी जा सकती हैं जिसमें चीते, सांभर और जंगली भैसा शामिल हैं।

आवागमन संपादित करें

 
उदगमंडलम रेलवे स्टेशन
वायु मार्ग

निकटतम हवाई अड्डा कोयंबटूर है।

रेल मार्ग

शहर में उदगमंडलम रेलवे स्टेशन है। मुख्य जंक्शन कोयंबटूर है।

सड़क मार्ग

राज्य राजमार्ग 17 से मड्डुर और मैसूर होते हुए बांदीपुर पहुँचा जा सकता है। यह आपको मदुमलाई रिजर्व तक पहुँचा देगा। यहाँ से उदगमंडलम की दूरी केवल 67 किलोमीटर है।

खानपान संपादित करें

उदगमंडलम में कई चाइनीज रेस्टोरेंट हैं लेकिन सबसे मशहूर है नीलगिरि पुस्तकालय के पास स्थित "शिंकोज"। कमर्शियल रोड पर बने कुरिंजी में दक्षिण भारतीय भोजन मिलता है।

खरीदारी संपादित करें

उदगमंडलम चाय, हाथ से बनी चॉकलेट, खुशबूदार तेल और मसालों के लिए प्रसिद्ध है। कमर्शियल रोड पर हाथ से बनी चॉकलेट कई तरह के स्वादों में मिल जाएगी। यहाँ हर दूसरी दुकान पर यह चॉकलेट मिलती है। हॉस्पिटल रोड की किंग स्टार कंफेक्शनरी इसके लिए बहुत प्रसिद्ध है। कमर्शियल रोड की बिग शॉप से विभिन्न आकार और डिजाइन के गहने खरीदे जा सकते हैं। यहाँ के कारीगर पारंपरिक तोडा शैली के चाँदी के गहनों को सोने में बना देते हैं। तमिलनाडु सरकार के हस्तशिल्प केंद्र पुंपुहार में बड़ी संख्या में लोग हस्तशिल्प से बने सामान की खरीदारी करने आते हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी जोड़ संपादित करें

संदर्भ संपादित करें

  1. "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
  2. "Tamil Nadu, Human Development Report," Tamil Nadu Government, Berghahn Books, 2003, ISBN 9788187358145
  3. "Udhagamandalam City Population Census 2011 - Tamil Nadu". Census Population. मूल से 6 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2019.
  4. Francis, Walter (1908). Madras District Gazetteers: The Nilgiris. 1. New Delhi: Asian Educational Services. पपृ॰ 90–94, 102–105. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-2060-546-6.
  5. Francis, Walter (1908). Madras District Gazetteers: The Nilgiris. 1. New Delhi: Asian Educational Services. पपृ॰ 90–94, 102–105. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-2060-546-6.
  6. Senapati, Nilamani; Sahu, N. K. (1955). Gazetteers of India: Nilgiris District. Government Press. पपृ॰ 3, 199–201, 866. The location of the Nilgiris is unique that it was in the tri-junction of ancient Tamil kingdoms of Cholas, Cheras and the Pandyas. Hence, it was under Cheras, Cholas or local chieftains at various...
  7. Sundaresan, C.S. (1 January 2007). South Asia and Multilateral Trade Regime: Disorders for Development. Regal Publications. पृ॰ 81. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-8189-915-31-5.
  8. Indian Navy (1989). Maritime Heritage of India. Notion Press. पृ॰ 244. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9352-069-17-0. At their peak, the Cholas ruled over not just the whole of south India, but also conquered island nations..
  9. Sagar, Ravi. "Decoding the Nilgiris" (PDF). India Brand Equity Foundation: 53. मूल (PDF) से 22 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2019. Not even the dynastic rulers—the Cheras, the Cholas, the Pandiyas, the Rashtrakutas, the Gangas, the Pallavas, the Kadambas and the Hoysalas—can be credited with discovering this jewel (Nilgiris) in their crown.
  10. "Ooty History". evoire.com. मूल से 24 September 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 February 2008.
  11. "Ooty History". evoire.com. मूल से 24 September 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 February 2008.
  12. "Climate: Ooty - Climate graph, Temperature graph, Climate table". Climate-Data.org. मूल से 27 February 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 September 2015.
  13. "Monthly mean maximum & minimum temperature and total rainfall based upon 1901-2000 data" (PDF). imd.gov.in. मूल (PDF) से 13 April 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 September 2015.
  14. "Ooty Climate and Weather Averages, India.htm". Weather2Travel. मूल से 1 अक्तूबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 September 2015.