एरॉन श्वार्ट्ज (जनम 8 नवम्बर 1986, मृत्यु 11 जनवरी 2013) एक प्रसिद्ध कंप्यूटर प्रोग्रामर थे जिन्हें ऑटोमेटिक न्यूज फीड्स (जिसका एक रूप पॉडकास्ट भी है) के अविष्कार के लिए जाना जाता है। वे सोशल न्यूज वेबसाइट रेडिट के संस्थापक भी थे।[1] 11 जनवरी 2013 में मात्र 26 साल की उम्र में इनकी मृत्यु हुई।

एरॉन श्वार्ट्ज

वे इंटरनेट व सूचना को मुफ्त उपलब्ध कराने के पक्षधर थे। इन्हीं प्रयासों में वे कई बार कानून की रेखा भी लाँघ गए जिससे अमेरिकी सरकार ने उन्हें डेटा चोरी और हैकिंग के मामले में आरोपी भी बनाया।

प्रारंभिक जीवन संपादित करें

एरॉन का जनम 8 नवम्बर 1986 को शिकागो में हुआ। इनके पिता के अनुसार उसने 10 साल से भी कम उम्र में अपना पहला कंप्यूटर प्रोग्राम बनाया था जो कि सूडोकू नाम पहेली को हल करने के लिए था।

उन्होंने 13 साल की उ म्र में लोगों की मदद से तैयार होने वाला ऑनलाइन इंसाइक्लोपीडिया भी तैयार किया, जो बाद में 'विकिपीडिया' की प्रेरणा बना।

17 की उम्र में श्वार्ट्ज स्टैनफोर्ड यूनिवसिर्टी पहुंचे। जहाँ उन्होंने सोशल न्यूज वेबसाइट रेडिट की नींव डाली।[1]

मुक्त सूचना के लिए कार्य संपादित करें

श्वार्ट्ज के पिता का कहना है कि श्वार्ट्ज का बचपन से मानना था कि जिस डिजीटल इन्फॉर्मेशन में कोई लागत न हो, उसे मुफ्त ही उपलब्ध होना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि श्वार्ट्ज ने कभी पाइरेसी का समर्थन नहीं किया।

यूनिवसिर्टी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने अमेरिकी सरकार के स्टॉप ऑनलाइन पाइरेसी ऐक्ट के खिलाफ आंदोलन भी चलाया क्योंकि इसे वे इंटरनेट की आजादी के खिलाफ मानते थे।

2008 में उनहोंने एक सरकारी वेबसाइट 'पेसर' से ट्रायल पीरियड में ही 1.8 करोड़ पेज डाउनलोड किए और उन्हें मुफ्त बांट दिया जबकि यह साईट प्रति पेज 10 सेंट चार्ज करती थी। चूंकि ट्रायल पीरियड में यह सुविधा मुफ्त उपलब्ध होती है, अतः सरकारी एजेंसियाँ इस मामले में उनके खिलाफ कुछ नहीं कर सकी।

कानून की सीमा का उल्लंघन संपादित करें

ऐसी ही एक साईट जेक्स्टर जो पुराने अकैडमिक जरनल्स को डाउनलोड करने के लिए स्कूलों से सालाना 50 हजार डॉलर से ज्यादा वसूलती है। 2011 में श्वार्ट्ज ने मेसाच्युट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के कैंपस में छात्रो के लिए उपलब्ध सुविधा के जरिए जेक्स्टर नाम की साइट से लाखों पेज डाउनलोड कर लिए जिसके लिए कैंपस पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनकी मृत्यु के बाद अमेरिकी सरकार ने इस केस को बंद कर दिया।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "एरॉन श्वार्ट्ज: हैकर या हैक्टिविस्ट?". नवभारत टाईम्स. 20 जनवरी 2013. मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 नवम्बर 2013.