एस-400 मिसाइल प्रणाली

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एस-400 ट्रिम्फ (S-400 Triumf) एक विमान भेदी हथियार एस-300 परिवार का नवीनीकरण के रूप में रूस की अल्माज़ केंद्रीय डिजाइन ब्यूरो द्वारा 1990 के दशक में विकसित विमान भेदी हथियार प्रणाली है। यह 2007 के बाद से ही रूसी सशस्त्र सेना में सेवा कर रही है।

एस-400 ट्रिम्फ
S-400 Triumf
नाटो रिपोर्टिंग नाम: एसए-21 ग्रोवेलेर

एस-400 ट्रिम्फ प्रक्षेपण यान
प्रकार अस्थिर सतह से हवा में मिसाइल प्रणाली
उत्पत्ति का मूल स्थान  रूस
सेवा इतिहास
सेवा में 28 अप्रैल 2007[1]
द्वारा प्रयोग किया  रूस
उत्पादन इतिहास
डिज़ाइनर अल्माज़/आंटी कंसर्न ऑफ़ एयर डिफेन्स (पीवीओ कोनत्सेरन)
निर्माता फकल मशीन बिल्डिंग डिजाइन ब्यूरो
इकाई लागत $40 लाख प्रति आग इकाई (विभाजन) जिसमें 8 लांचर, 112 मिसाइल, कमान और वाहन शामिल है।
निर्माणित संख्या 152+ (2015 में, वहाँ 152 लांचर 19 डिवीजनों में तैनात किया गया था[2])
निर्दिष्टीकरण

परिचालन सीमा 400 किमी (40एन6 मिसाइल)
250 किमी (48एन6 मिसाइल)
120 किमी (9एम96इ2 मिसाइल)
40 किमी (9एम96इ मिसाइल)

S-400 एक बार में एक साथ 72 मिसाइल छोड़ सकती है. इसके सबसे खास बात ये है कि इस एयर डिफेंस सिस्टम को कहीं मूव करना बहुत आसान है क्योंकि इसे 8X8 के ट्रक पर माउंट किया जा सकता है. S-400 को नाटो द्वारा SA-21 Growler लॉन्ग रेंज डिफेंस मिसाइल सिस्टम भी कहा जाता है| माइनस 50 डिग्री से लेकर माइनस 70 डिग्री तक तापमान में काम करने में सक्षम इस मिसाइल को नष्ट कर पाना दुश्मन के लिए बहुत मुश्किल है. क्योंकि इसकी कोई फिक्स पोजिशन नहीं होती. इसलिए इसे आसानी से डिटेक्ट नहीं कर सकते |[3]

अवलोकन संपादित करें

एस-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Air Defence Missile System) में चार तरह की मिसाइलें होती हैं जिनकी रेंज 40, 100, 200, और 400 किलोमीटर तक होती है.  यह सिस्टम 100 से लेकर 40 हजार फीट तक उड़ने वाले हर टारगेट को पहचान कर नष्ट कर सकता है | एस-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Air Defence Missile System) का रडार बहुत अत्याधुनिक और ताकतवर है | ये मिसाइल जमीन से हवा में मार करती है |

इसका रडार 600 किलोमीटर तक की रेंज में करीब 300 टारगेट ट्रैक कर सकता है. यह सिस्टम मिसाइल, एयरक्राफ्ट या फिर ड्रोन से हुए किसी भी तरह के हवाई हमले से निपटने में सक्षम है. शीतयुद्ध के दौरान रूस और अमेरिका में हथियार बनाने की होड़ मची हुई थी. जब रूस अमेरिका जैसी मिसाइल नहीं बना सका तो उसने ऐसे सिस्टम पर काम करना शुरू किया जो इन मिसाइलों को टारगेट पर पहुंचने पर पहले ही खत्म कर दे |[4]

1967 में रूस ने एस-200 प्रणाली विकसित की. ये एस सीरीज की पहली मिसाइल थी. साल 1978 में एस-300 को विकसित किया गया | एस-400 साल 1990 में ही विकसित कर ली गई थी.  साल 1999 में इसकी टेस्टिंग शुरू हुई. इसके बाद 28 अप्रैल 2007 को रूस ने पहली | एस-400 मिसाइल सिस्टम को तैनात किया गया, जिसके बाद मार्च 2014 में रूस ने यह एडवांस सिस्टम चीन को दिया. 12 जुलाई 2019 को तुर्की को इस सिस्टम की पहली डिलीवरी कर दी | भारत ने रूस से 5.43 अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) में पांच एस-400 खरीदने के लिए अक्टूबर 2019 में समझौता किया था |[5]

भारत को रूस ने 2021 में एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम (S-400 Air Defence Missile System) की पहली खेप भेजी | [6]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "ЗРС С-400 Триумф" [S-400 Triumf] (रूसी में). S400.ru. मूल से 31 अक्तूबर 2001 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-10-29.
  2. "Россия готовится к новым звездным войнам" [Russia prepares for new Star Wars]. vpk.name (रूसी में). मूल से 2 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जनवरी 2017.
  3. "S-400 missile: भारत आया अभेद्य महाकवच... पलक झपकते ही दुश्मन की मिसाइलें होंगी ढेर". आज तक (hindi में). 2021-12-21. अभिगमन तिथि 2022-07-15.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  4. "पल भर में मार गिराएंगे दुश्मन की मिसाइलें, इसी साल भारत आ रहा S-400". आज तक (hindi में). 2021-08-24. अभिगमन तिथि 2022-07-15.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  5. "इंतजार खत्म, रूस ने शुरू की S-400 मिसाइल सिस्टम की सप्लाई, अभेद्य बन जाएगा भारत का आकाश". आज तक (hindi में). 2021-11-14. अभिगमन तिथि 2022-07-15.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  6. "रूस से पहुंची S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पहली खेप, पंजाब में तैनात, PAK-चीन के हमलों को फेल करने की क्षमता". आज तक (hindi में). 2021-12-21. अभिगमन तिथि 2022-07-15.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)