कर्पूर चन्द्र कुलिश हिन्दी समाचार समूह राजस्थान पत्रिका के संस्थापक थे। वे प्रख्यात कवि एवं लेखक भी थे। उनका जीवन संघर्षशील रहा और उन्होंने हिन्दी के विकास के लिए सराहनीय कार्य किया। उन्हें भारतीय राज्य राजस्थान में हिन्दी पत्रकारिता के जनक के रूप में भी जाना जाता है।[1] कुलिश वर्ष 1956 तक वो राजस्थान के राजनीतिक और कॉर्पोरेट जुड़ाव वाले एक पत्र से जुड़े हुए एक निराश संवाद-दाता थे। 1956 में उन्होंने अपने एक दोस्त से ₹ 500 उधार लिए और उनसे उन्होंने पत्रिका समाचार समूह की स्थापना की। 1986 में वो कार्यभार से मुक्त हुए तब तक पत्रिका समूह को राजस्थान का सबसे अग्रणी समाचार पत्र बना चुके थे।[2]

कर्पूर चन्द्र कुलिश
जन्म 20 मार्च 1926
मालपुरा, टोंक, राजस्थान (भारत)
मौत 17 जनवरी 2006(2006-01-17) (उम्र 79)
जयपुर, राजस्थान, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
पेशा राजस्थान पत्रिका के संस्थापक, पत्रकार, कवि और दार्शनिक
धर्म हिन्दू धर्म
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

पूर्व जीवन संपादित करें

कुलिश का जन्म वर्ष 1926 में राजस्थान के टोंक जिले की मालपुरा तहसील के सोडा नामक ग्राम में हुआ। उन्होंने एक समाचार पत्र में कार्य करना आरम्भ किया।

सम्मान संपादित करें

कुलिश को पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके कार्यो के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मनित किया गया। १९८७ में भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ठ योगदानों के लिए उन्हें १९९० में बीडी गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Doyen of Hindi journalism dead" [हिन्दी पत्रकारिता के डीन का निधन] (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. 18 जनवरी 2006. मूल से 22 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 सितम्बर 2013.
  2. विनय सीतापति (4 जुलाई 2013, 3:31 am). "Hindi Paper Finds Success Going Hyperlocal" [हिन्दी समाचार हायपर-घरेलू सफलता प्राप्त करते हैं] (अंग्रेज़ी में). न्यूयॉर्क टाइम्स. मूल से 7 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 जुलाई 2013. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें