क़ासिम अमीन

मिस्र के लेखक, न्यायाधीश और समाज सुधारक

क़ासिम अमीन (अरबी: قاسم أمين; Error: {{IPA}}: unrecognized language tag: ˈʔæːsem ʔæˈmiːn; 1 दिसंबर 1863, सिकन्दरिया में[1] – 22 अप्रैल 1908, क़ाहिरा में) एक मिस्री क़ानूनविद और इस्लामी आधुनिकतावादी[2] थे जिन्होंने मिस्री राष्ट्रीय आंदोलन और क़ाहिरा विश्वविद्यालय का स्थापना किया। उन्होंने महिलाओं के अधिकार को बहुत अहमियत दी और इस कारण से वे अरबी दुनिया के पहले पुरुष नारीवादी के रूप में जाने जाते हैं। उनके अनुसार एक मुक्त और स्वतंत्र मिस्र का निर्माण करने हेतु महिलाओं और उनके अधिकार का सम्मान करना ज़रूरी है। उन्होंने अपनी पुस्तक महिला मुक्ति (1899) में क़ुरआन और हदीस के हवाले देकर, इस्लाम में महिलाओं के अधिकार की अहमियत की स्पष्टता दी थी।[3]

क़ासिम अमीन का चित्र

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Political and diplomatic history of the Arab world, 1900-1967, Menahem Mansoor
  2. Kurzman, Charles, संपा॰ (2002). "The Emanciaption of Woman and the New Woman". Modernist Islam, 1840-1940: A Sourcebook. Oxford University Press. पपृ॰ 61–9. मूल से 29 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 November 2014.
  3. Tahrir al-mar'a ("The Liberation of Women"), Kaïro, 1899.