ख़ोजक सुरंग (خوجک سرنگ‎, Khojak Tunnel) या शेला बाग़ सुरंग पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत के क़िला अब्दुल्लाह ज़िले के चमन शहर के पास शेला बाग़ पहाड़ों में एक ३.९१ किमी लम्बी रेलवे सुरंग है। यह बलोचिस्तान के क्वेट्टा इलाक़े को कन्दाहार के मैदानी क्षेत्र से जोड़ती है। इसपर काम दिसम्बर १८८७ में शुरू किया गया था और इसे १८९१ में पूरा किया गया। इसपर उस ज़माने में कुल १.५२ करोड़ रूपये ख़र्च हुए और उस समय यह एशिया की सबसे लम्बी सुरंग थी (लेकिन अब नहीं है)। यह पाकिस्तान के ५ रूपये के नोट पर दर्शाई जाती है।[1][2]

ख़ोजक सुरंग

नाम का उच्चारण संपादित करें

'ख़ोजक' शब्द में 'ख़' अक्षर के उच्चारण पर ध्यान दें क्योंकि यह बिना बिन्दु वाले 'ख' से ज़रा भिन्न है। इसका उच्चारण 'ख़राब' और 'ख़रीद' के 'ख़' से मिलता है।

मज़दूरों की मौतें संपादित करें

१८९०-९१ की सर्दियों में जब सुरंग पर काम जारी था, इस इलाक़े में भयंकर सर्दी और बर्फ़बारी से यहाँ काम कर रहे ४,००० मज़दूरों में से १,००० ने अपनी जाने खो दीं।[1]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. The Dublin review, Volume 109, W. Spooner, 1891, ... The entire work, of which the first sod was turned in December 1887, cost 152 lacs of rupees, the original estimate having been exceeded by twelve lacs ...
  2. The Sewing Circles of Herat: A Personal Voyage Through Afghanistan, Christina Lamb, HarperCollins, 2004, ISBN 978-0-06-050527-1, ... the 3.2-mile-long Khojak tunnel, the longest in South Asia, now graces Pakistan's five-rupee note ...